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Published / 2021-03-27 12:12:30
पीएम मोदी ने बांग्लादेश के मतुआ मंदिर में की पूजा, स्कूपल बनाने का किया ऐलान

एबीएन डेस्क। बांग्ला देश के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत ओराकांडी में एक मिडिल स्कूल को आधुनिक बनाएगा और एक प्राथमिक स्कूल भी खोलेगा। प्रधानमंत्री ने मतुआ समुदाए के लोगों से बातचीत के दौरान यह बात कही। शुक्रवार को ढाका पहुंचे प्रधानमंत्री ने ओराकांडी में स्थित मतुआ मंदिर में शनिवार को पूजा अर्चना की। ओरकांडी में ही मतुआ समुदाय के अध्यात्मिक गुरु हरिचंद ठाकुर का जन्म हुआ था। पीएम मोदी ने ओराकांडी मंदिर में दर्शन के बाद कहा, मैं कई वर्षों से ओराकांडी आने का इंतजार कर रहा था और जब मैं 2015 में बांग्लादेश आया था तो मैंने ओराकांडी जाने की अभिलाषा व्यक्त की थी। मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले मतुआ संप्रदाय के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओराकांडी आकर महसूस करते हैं। बंगबंधु स्मारक परिसर पहुंचने पर मोदी का बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्वागत किया। वह शेख मुजीबुर रहमान की बेटी भी है। इस अवसर पर शेख हसीना की बहन शेख रेहाना भी मौजूद थीं। मोदी ने बंगबंधु की समाधि पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कुछ समय मौन भी रखा। वहीं, इस दौरान हसीना और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों ने फातिहा पढ़ा। प्रधानमंत्री मोदी यहां पहुंचने वाले पहले गणमान्य भारतीय हैं।

Published / 2021-03-25 12:43:50
केन्या: सोमालिया सीमा के पास बम धमाके में चार लोगों की मौत

केन्या में सोमालिया सीमा के निकट मंडेरा काउंटी में एक बस के मुख्य सड़क पर लगे बम से टकराने से चार यात्रियों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मंडेरा के गवर्नर अली रोबा ने बुधवार को घटना की पुष्टि की। घटना के समय बस मंडेरा कस्बे की ओर जा रही थी। किसी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसके पीछे सोमालिया के आतंकवादी संगठन अल-शबाब का हाथ होने का संदेह है, जो अलकायदा के साथ मिलकर केन्या में इस तरह के कई हमले कर चुका है।

Published / 2021-03-24 11:33:21
दो साल में कैंसर का टीका देगा जर्मनी

कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ़ते-ढूंढ़ते जर्मनी के वैज्ञानिक दंपति को कैंसर का तोड़ मिल गया है। बायोएनटेक के सीईओ डॉ उगर साहिन और उनकी पत्नी डॉ ओजलेम तुरेसी ने शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को ट्यूमर से मुकाबला करने में सक्षम बनाने का तरीका खोज लिया है। अब वे इसकी वैक्सीन बनाने में जुट गये हैं। दंपती का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दो सालों में वे कैंसर का टीका भी उपलब्ध करवा देंगे। दंपती पिछले 20 साल से कैंसर के इलाज के लिए रिसर्च कर रहे हैं। डॉ तुरेसी ने बताया कि बायोएनटेक का कोविड-19 टीका मैसेंजर-आरएनए (एम-आरएनए) की मदद से मानव शरीर को उस प्रोटीन के उत्पादन का संदेश देता है, जो प्रतिरोधक तंत्र को वायरस पर वार करने में सक्षम बनाता है। इसे यूं समझें कि एम-आरएनए जेनेटिक कोड का छोटा हिस्सा होता है, जो कोशिका में प्रोटीन का निर्माण करता है। इसका उपयोग प्रतिरोधी क्षमता को सुरक्षित एंटीबॉडी पैदा करने के लिए प्रेरित करता है और इसके लिए उन्हें वास्तविक वायरस की भी जरूरत नहीं होती है। हमने कोरोना वैक्सीन बनाने के दौरान इसी आधार पर कैंसर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कुछ टीके तैयार कर लिए हैं। अब हम जल्द इसका क्लीनिकल ट्रायल करने वाले हैं। अब तक की रिसर्च साबित करती है कि एम-आरएनए आधारित टीके कैंसर की दस्तक से पहले ही शरीर को उससे लड़ने की ताकत दे देंगे। यानी अब कैंसर के मरीजों को कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से होने वाले असहनीय दर्द से छुटकारा मिल जाएगा। साथ ही बाल झड़ने, भूख मिटने, वजन घटने जैसी समस्याओं से भी मुक्ति मिल जायेगी। इधर, कोरोना वैक्सीन बनाने में शामिल आॅक्सफोर्ड के वैज्ञानिक प्रोफेसर सारा गिलबर्ट और प्रोफेसर एड्रियान हिल भी कैंसर के इलाज में एम-आरएनए तकनीक के इस्तेमाल में जुट गए हैं। उन्होंने गर्मियों में फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित मरीजों पर एम-आरएनए आधारित टीके के परीक्षण की तैयारियां भी पूरी कर ली हैं। इन्होंने वैक्सीटेक नामक कंपनी स्थापित की है, जो प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में कारगर वैक्सीन पर पहले से ही काम कर रही है। शुरूआती आजमाइश में इस वैक्सीन के बेहद सकारात्मक नतीजे मिले हैं।

Published / 2021-03-23 11:56:11
फ्रीडम हाउस ने चेताया, इंडेक्स में दस वर्ष में 11 पायदान की गिरावट

अमेरिका में मतदान से संबंधित नियमों को बदलने को लेकर लगी होड़ से अमेरिकी लोकतंत्र के लिए चुनौतियां ख़ड़ी हो रही हैं। ये चेतावनी फ्रीडम हाउस नाम की संस्था ने दी है। फ्रीडम हाउस दुनिया में लोकतंत्र से संबंधित ट्रेंड पर नजर रखती है। वह हर साल डेमोक्रेसी और स्वतंत्रता के स्तर के आधार पर अपनी रिपोर्ट और सूचकांक जारी करती है। अब फ्रीडम हाउस ने अमेरिका के निर्वाचित प्रतिनिधियों से कहा है कि मतदान के रास्ते में खड़ी की जा रही नई रुकावटों को वे खारिज कर दें, ताकि नस्लीय अल्पसंख्यकों के मताधिकार की रक्षा हो सके। फ्रीडम हाउस ने इस बारे में अपनी नई रिपोर्ट में चेतावनी दी है। विश्लेषकों का कहना है कि 15 साल के भीतर यह पहला मौका है कि अमेरिकी सरकार की वित्तीय मदद से चलने वाली इस संस्था ने अमेरिका के अंदर लोकतंत्र के हाल पर ध्यान दिया है। जबकि बीते 15 सालों में वह सिर्फ बाकी दुनिया में लोकतंत्र की स्थिति का अध्ययन करती रही थी। विश्लेषकों ने ध्यान दिलाया है कि फ्रीडम हाउस ने हाल में जारी रिपोर्ट में अपने सूचकांक पर अमेरिकी लोकतंत्र का दर्जा गिरा दिया था। जबकि वो रिपोर्ट छह जनवरी को कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) पर धावा बोले जाने की घटना के पहले के अध्ययन के आधार पर जारी की गई थी। वेबसाइट एक्सियोस.कॉम के मुताबिक ताजा रिपोर्ट की लेखक सराह रेपुची ने दलील दी है कि अमेरिका में ब्लैक और मूलवासी समुदायों के लोगों के साथ राजनीतिक मामलों में असमान व्यवहार होता है। यह अमेरिकी लोकतंत्र की सबसे बड़ी खामियों में एक है। रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका में जिस तरह का क्षय हाल में देखा गया है, उससे ये जाहिर होता है कि अमेरिकी लोकतंत्र खतरे में है, जिस पर तुरंत ध्यान दिए जाने की जरूरत है। गौरतलब है कि रिपब्लिकन पार्टी के शासन वाले राज्यों में 2020 में मतदान की राह में रुकावटें डालने वाली अनगिनत शर्तें लगाई गईं। इस साल कई राज्यों में उन शर्तों को और भी सख्त बना दिया गया है। इन शर्तों को हटाने और मताधिकार को विस्तृत करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने हाल में एक बिल पारित किया है।

Published / 2021-03-23 11:52:40
जर्मनी : 18 अप्रैल तक बढ़ा लॉकडाउन, ईस्टर की छुट्टियों पर घरों में रहने की अपील

पूरी दुनिया में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए जर्मनी ने 18 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। यही नहीं जर्मनी में लोगों से अपील की गई है कि वो ईस्टर की छुट्टियों पर पांच दिनों तक घरों में ही रहें और बाहर ना निकलें। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल का कहना है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। देश के 16 राज्यों के गवर्नरों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए मंगलवार चली लंबी बातचीत के बाद चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि पूर्व में 28 मार्च तक लगाए गए प्रतिबंध 18 अप्रैल तक जारी रहेंगे। कोरोना वायरस के ब्रिटेन में पाए गए प्रकार के फैलने के बाद जर्मनी में संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं और प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों की संख्या अमेरिका से भी ज्यादा हो गई है। मर्केल ने बर्लिन में कहा कि हम महामारी के नए प्रकार से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम नए वायरस से मुकाबला कर रहे हैं जो पहले जैसा है लेकिन इसका स्वभाव अलग है। यह अधिक घातक और संक्रामक है तथा लंबे समय तक संक्रामक रह सकता है। बता दें कि जर्मनी में कोरोना वायरस के कुल मामले 26 लाख से ज्यादा हैं और वहां अब तक 75,000 करीब लोगों की कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई है।

Published / 2021-03-21 14:08:14
पाकिस्तान ने 12 देशों की उड़ानों पर लगाई पाबंदी

पाकिस्तान में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। देश में आठ महीने बाद सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। संक्रमण के मामलों में वृद्धि को देखते हुए पाकिस्तान ने कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के तहत दक्षिण अफ्रीका, रवांडा और तंजानिया समेत 12 अफ्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध को कम कर दिया गया है। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के स्वरूप के उभरने के बाद नागर विमानन प्राधिकरण (सीएए) ने देशों की नई सूची अधिसूचित की है, जिनमें राष्ट्रों कों ए, बी और सी श्रेणी में बांटा गया है और सी श्रेणी के 12 देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है। इन 12 देशों पर यह यात्रा प्रतिबंध 23 मार्च से पांच अप्रैल तक लागू रहेगा। इन देशों पर लगा प्रतिबंध बोत्सवाना, ब्राजील, कोलंबिया, कोमोरोस, घाना, केन्या, मोजाम्बिक, पेरू, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया और जाम्बिया को सी श्रेणी में रखा गया है। सीएए ने कहा कि यह अस्थायी उपाय पाकिस्तान में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए किया जा रहा है। सीएए ने अपनी सी श्रेणी को अपडेट किया है और ब्रिटेन को सी से बी श्रेणी में कर दिया है।

Published / 2021-03-21 11:16:20
ऑस्ट्रेलिया में भीषण बाढ़ ने मचाई तबाही

ऑस्ट्रेलिया में सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य न्यू साऊथ वेल्स कई दशकों बाद भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है। भारी बारिश से आई बाढ़ के कारण लाखों की आबादी अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर है। वहीं, मौसम विभाग ने इन इलाकों में आगे भी कई दिनों तक बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है। सरकार ने निचले इलाके में रह रहे लोगों को तुरंत अपने-अपने घरों को खाली कर सुरक्षित इलाके में जाने के निर्देश जारी किए हैं। न्यू साउथ वेल्स राज्य आपदा सेवा ने शनिवार को सहायता के लिए की गई 640 कॉल पर प्रतिक्रिया दी जिसमें से 66 कॉल बाढ़ से सुरक्षित बचाकर निकालने के लिए की गई थी। राज्य के प्रीमियर ग्लेडिस बेरेजीक्लियन ने कहा कि सैकड़ों लोगों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदा करीब सौ साल में पहली बार आई है और राज्य के मिड नार्थ कोस्ट के कई स्थानों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाने के आदेश दिए गए हैं।

Published / 2021-03-20 12:38:31
जापान : 6.8 तीव्रता के भूकंप के तेज झटकों से दहली राजधानी टोक्यो

जापान की राजधानी टोक्यो शनिवार (20 मार्च) को भूकंप के तेज झटकों से दहल गई। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 6.8 मापी गई। यह जानकारी जापान के नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी ने दी। उन्होंने बताया कि भूकंप को देखते हुए तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। भूकंप के झटके स्थानीय समयानुसार शाम 6.09 बजे दर्ज किये गये। इसका केंद्र प्रशांत महासागर के मियाागी क्षेत्र में 60 किलोमीटर अंदर था। भूकंप केंद्र जेएमए के अनुसार इससे करीब एक मीटर ऊंची सुनामी लहरें उठ सकती हैं। परमाणु संयंत्र के बारे में जुटा रहे जानकारी : मियागी में भूकंप के कारण नुकसान की अभी कोई खबर नहीं मिली है। स्थानीय अधिकारी क्षेत्र में स्थित परमाणु संयंत्र की हालत के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्विस के अनुसार भूकंप की तीव्रता 7.0 मापी गई है। पिछले साल भी इसी इलाके में जोरदार झटके आए थे। इसमें दर्जनों श्रमिक घायल हो गये थे। बता दें, जापान तीव्र भूकंप प्रवण क्षेत्रों में आता है। इसे प्रशांत महासागर की रिंग आॅफ फायर कहा जाता है। यह दक्षिणपूर्व एशिया से लेकर पूरे प्रशांत तट क्षेत्र तक फैली है। 11 मार्च 2011 को आई सुनामी से दहल गया था जापान : भूकंप व सुनामी की ताजा चेतावनी ऐसे मौके पर आई है, जब जापान दस साल पहले आए भयावह भूकंप व सुनामी की 10 वीं बरसी मना रहा है। 11 मार्च 2011 को 9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें कई लोगों की जान गई थी और फुकुशिमा संयंत्र तबाह हो गया था।

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