वर्ल्ड

View All
Published / 2021-04-04 15:39:42
कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक : वैक्सीन के निर्यात पर लगी रोक, भारत पर निर्भर है दुनिया के 92 गरीब देश

देश में कोरोना वायरस का कहर चरम पर है, हर दिन सामने आने वाले आंकड़े रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने टीकाकरण अभियान की रफ्तार को भी बढ़ा दिया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने अस्थायी तौर पर कुछ देशों के वैक्सीन निर्यात पर रोक लगा दी है। भारत के इस फैसले से दुनिया के कई देश खफा हैं, उनका आरोप है कि इससे करीब 92 गरीब देशों के लिए वैक्सीन की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। हालांकि हकीकत कुछ और बयां करती है। ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिका-ब्रिटेन समेत जितने भी धनी देश हैं, उन्होंने पहले से ही वैक्सीन की बड़ी मात्रा पर नियंत्रण किया हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे धनी देशों को पहले ही वैक्सीन की आपूर्ति की जा चुकी है। बता दें कि भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में बनाई जा रही ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर धनी देशों का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि ये वैक्सीन केवल भारत के लिए भी नहीं है लेकिन इसे दुनिया के 92 गरीब देशों के लिए बनाया जाना है। देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने टीकाकरण अभियान तेज कर दिया है, जिसकी वजह से इसके निर्यात को कुछ समय के लिए रोक दिया है। बीते 24 घंटे में 93,000 से ज्यादा मामले आए सामने बीते 24 घंटों में रविवार को रिकॉर्ड 93 हजार से ज्यादा नए कोरोना के मरीज मिले हैं। वहीं कोरोना संक्रमण के चलते 500 से ज्यादा की जान चली गई है। एक दिन में मिलने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की बात करें, तो इससे पहले पिछले साल, 19 सितंबर को 92,574 नए केस मिले थे। सात लाख के करीब पहुंचे सक्रिय मामले स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में सक्रिय मामलों का ग्राफ बहुत तेजी से ऊपर जा रहा है। पिछले 24 घंटों में 60,048 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं, इसी के साथ देश में अब तक 1,16,29,289 मरीज कोरोना वायरस को मात देने में कामयाब हुए हैं।

Published / 2021-04-03 14:43:34
फिर विवादों में घिरी एस्ट्राजेनेका, ब्रिटेन में वैक्सीन लेने वाले सात लोगों की मौत

एबीएन डेस्क। ब्रिटेन के औषधि नियामक ने पुष्टि की है कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का कोविड रोधी टीका लगवाने वालों में से सात लोगों की खून का थक्का जमने से मौत हुई है, हालांकि साथ ही उसने स्पष्ट किया कि किसी खतरे की तुलना में टीके के फायदे अधिक हैं। औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने इस हफ्ते कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण कार्यक्रम पर अपनी ताजा येलो कार्ड निगरानी पर कहा कि ब्रिटेन में 1.81 करोड़ लोगों ने ऑक्सफोर्ड का कोविड-19 का टीका लगवाया है, जिनमें 24 मार्च तक 30 लोगों में खून के थक्के विकसित हुए और सात लोगों की मौत हुई। एमएचआरए के अधिकारियों ने सलाह दी है कि इस टीके का इस्तेमाल जारी रखना चाहिए क्योंकि टीके के खतरों की तुलना में फायदे अधिक हैं। उसने कहा, हमारी चल रही समीक्षा के आधार पर, कोविड-19 के विरूद्ध टीके के फायदे किसी भी खतरे से अधिक हैं और जब आपको टीका लगवाने के लिए बुलाया जाए तो आप इसे लगवाएं।ज्ज् नियामक ने कहा कि इस बात का पता लगाने के लिए जांच जारी है कि क्या खून के थक्के जमने का कोई संबंध है या ये मामले सिर्फ एक संयोग हैं। उसने कहा कि अबतक सामने आई संदिग्ध प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की संख्या और प्रकृति, नियमित तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य तरीके के टीकों की तुलना में असामान्य नहीं हैं। दोनों टीकों को लेकर अबतक का सुरक्षा अनुभव क्लिनिकल परीक्षणों के मुताबिक है। एमएचआरए ने कहा कि उसे फाइजर-बायोएनटेक के टीके के संबंध में थून के थक्के जमने की रिपोर्ट नहीं मिली हैं। यूरोप में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का टीका लगवाने वाले कुछ लोगों में खून के थक्के जमने के मामले सामने आए थे जिसके बाद चिंता जाहिर की गई थी। जर्मनी जैसे कुछ देशों ने कुछ आयु वर्ग के लोगों से कहा था कि वे इस टीके को न लगवाएं। वहीं यूरोपीय औषधि निगरानी संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन, दोनों ने ही कहा है कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है। आज की तारीख तक ब्रिटेन में 31,301,267 ने टीके की पहली खुराक ले ली है जबकि 4,948,635 लोग टीके की दोनों खुराकें ले चुके हैं।

Published / 2021-04-03 12:00:14
बांग्लादेश में कोरोना ने मचाया कोहराम, सोमवार से 7 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान

बांग्लादेश में कोरोना वायरस से बढ़ती मौतों को देखते हुए 7 दिनों के सख्त लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। यह आदेश सोमवार से लागू होगा। सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल क्वाडर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार महामारी की नई लहर को रोकने के अपने प्रयास के तहत देशव्यापी लॉकडाउन लागू करन के लिए तैयार है। क्वाडर सत्तारूढ अवामी लीग के महासचिव भी हैं। सभी कार्यालय और अदालतों में रहेगी बंदी लोक प्रशासन राज्य मंत्री फरहाद हुसैन ने भी लॉकडाउन की पुष्टि करते हुए कहा कि इस दौरान सभी कार्यालय और अदालत बंद रहेंगे, लेकिन उद्योग और कारखाने स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करते रहेंगे और श्रमिक शिफ्टों में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर हम कारखानों को बंद कर देते हैं, तो श्रमिकों को उनके घरों तक जाने की व्यवस्था करनी पड़ेगी जो देश की आर्थिक और विकास के नजरिए से सही नहीं है। लॉकडाउन से उद्योगों को मिली छूट फरहाद ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने वाले संस्थान जैसे अस्पताल, क्लिनिक, दवा और राशन की दुकानें खुली रहेंगी। जल्द ही लॉकडाउन से जुड़े सभी दिशानिर्देशों को जारी कर दिया जाएगा। पिछले सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक 18-सूत्रीय गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें संक्रमण की उच्च दर वाले क्षेत्रों में सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

Published / 2021-04-02 11:29:56
कोरोना के नए स्ट्रेन बने नई चुनौती, अमेरिका में आई संक्रमण की चौथी लहर

कोविड-19 वायरस के नए संस्करण (स्ट्रेन) दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। इनकी वजह से अमेरिका में अब कोरोना वायरस संक्रमण की चौथी लहर आ गई है। पिछले कुछ समय से यहां संक्रमितों की संख्या घटने का ट्रेंड था। इससे उम्मीद जगी थी कि इस बार वसंत और गर्मियों में आम हालात बहाल हो जाएंगे। लेकिन अब एक बार फिर से लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बरतने और मास्क पहनने को कहा जाने लगा है। गौरतलब है कि अमेरिका उन देशों में है, जहां पिछले दो महीनों में बहुत तेज गति से लोगों का टीकाकरण हुआ है। अब विशेषज्ञों का कहना है कि अभी अमेरिका में जो तीन वैक्सीन लगाई जा रही हैं, उनसे नए स्ट्रेन से भी सुरक्षा मिलती है। लेकिन न्यूयॉर्क ब्लड सेंटर के सहायक सदस्य लैरी लुचसिंगर ने वेबसाइट एक्सियोस.कॉम से कहा कि ये लाभ तभी मिलेगा, जब जल्द से जल्द सभी लोगों का टीकाकरण हो जाए। उनके मुताबिक ये टीकाकरण पूरी दुनिया में होना चाहिए। नहीं तो ऐसे स्ट्रेन उभर आएंगे, जो मौजूदा वैक्सीन को बेअसर कर देंगे। विशेषज्ञों की राय है, अब तक कोविड-19 के जो नए स्ट्रेन सामने आए हैं, उनसे कम से कम अमेरिका में अभी कोई नई समस्या खड़ी नहीं हुई है। संक्रामक रोग प्रतिरोध और निवारण की प्रभारी एजेंसी- सीडीसी ने अभी तक किसी स्ट्रेन को अधिक खतरनाक नहीं बताया है। लेकिन नए स्ट्रेन उभरने की घटना पर सीडीसी ने चिंता जताई है। उसने कहा है कि पांच ऐसे स्ट्रेन हैं, जिनकी संक्रामक क्षमता अधिक तीव्र हो सकती है और मुमकिन है कि उनकी वजह से मृत्यु दर बढ़ जाए। ये पांच स्ट्रेन हैःं B.1.1.7 (उत्पत्ति स्थल ब्रिटेन), P.1 (जापान/ ब्राजील), B.1.351 (दक्षिण अफ्रीका), B.1.427 (कैलिफोर्निया, अमेरिका), और B.1.429 (कैलिफोर्निया)। इनके बीच B.1.1.7 को सुपर स्प्रेडर कहा जा रहा है। यानी इसकी संक्रमण करने की क्षमता अधिक है। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में हेल्थ मेट्रिक्स विज्ञान के प्रोफेसर अली मोकदाद के मुताबिक ये क्षमता 50 से 70 फीसदी तक अधिक देखी गई है। फिलहाल न्यूयॉर्क, मिशिगन, विस्कोंसिन और अन्य अमेरिकी राज्यों में इसी स्ट्रेन के कारण संक्रमण के नए हॉटस्पॉट बन गए हैँ। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित कुल लोगों में 26 फीसदी इस स्ट्रेन के कारण बीमार हुए हैं। इस स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की संख्या औसतन 7 से 10 दिन में दो गुनी हो रही है। कैलिफोर्निया में पाए गए संस्करण (B.1.427 और B.1.429) मूल कोविड-19 से 20 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। हालांकि देखा यह गया है कि जो वैक्सीन लगाए जा रहे हैं, उनसे इन दोनों स्ट्रेन का संक्रमण रोकने में मदद मिल रही है। इसके बावजूद विशेषज्ञों का कहना है कि अभी सावधानी में ढिलाई देने का वक्त नहीं आया। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में इनोवेटिव जिनोमिक्स इंस्टीट्यूट की शोधकर्ता स्टैसिया वाइमन ने कहा है- मुझे चिंता इस बात की है कि संक्रमण के मामलों में गिरावट के साथ सब कुछ खोला जाने लगा है। मेरी राय में अभी वो समय नहीं आया, जब लोग खाने-पीने के लिए रेस्तरां या बार में जाने लगें। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में पाए गए नए स्ट्रेन मौजूदा वैक्सीन के प्रभावी होने की दर को कुछ कम कर देते हैं। दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट 50 फीसदी अधिक संक्रामक है। ब्राजील में उभरे स्ट्रेन की संक्रामक गति के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। इस बीच विशेषज्ञ एक नए संस्करण ई484के पर भी नजर रखे हुए हैं। यह तीन नए स्ट्रेन (B.1.351, B.1.1.28 और B.1.1.7) के अगले संस्करण के रूप में उभरा है। फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर में अनुसंधानकर्ता एलिसन ग्रीनी ने वेबसाइट एक्सियोस से कहा कि मुमकिन है कि यह संस्करण मौजूदा वैक्सीनों से काबू में ना आए। उन्होंने कहा कि इस वक्त वायरस की गतिविधियों पर नजर रखना सबसे अहम है। इस बीच जांच और सावधानी की रणनीति पर चलना ही सबसे बेहतर विकल्प है।

Published / 2021-03-31 13:02:46
पाकिस्तान ने भारत के साथ व्याकपार को दी मंजूरी, कपास और चीनी खरीदेगी इमरान सरकार

भारत-पाकिस्तान के संबंधों में तल्खियां धीरे-धीरे कम होती नजर आ रही हैं। पाकिस्ता-न ने एक बार फि‍र झुकते हुए भारत के साथ व्याधपार शुरू करने का ऐलान किया है। पाकिस्ता न के वित्तर मंत्री हम्माथद अजहर के अनुसार पाकिस्ताबन की इकोनॉमिक को-ऑर्डिनेशन कमेटी (ECC) ने बुधवार को प्राइवेट सेक्टुर को भारत से 5,00,000 लाख टन सफेद चीनी और कपास का आयात करने की मंजूरी दी है। दोनों देशों के बीच 19 माह से बंद पड़े व्यादपार को अब एक बार फ‍िर से चालू किया जाएगा। भारत-पाकिस्तान के संबंधों में तल्खियां धीरे-धीरे कम होती नजर आ रही हैं। पाकिस्ताेन ने एक बार फि‍र झुकते हुए भारत के साथ व्यानपार शुरू करने का ऐलान किया है। पाकिस्ता्न के वित्तस मंत्री हम्माीद अजहर के अनुसार पाकिस्ता न की इकोनॉमिक को-ऑर्डिनेशन कमेटी (ECC) ने बुधवार को प्राइवेट सेक्टरर को भारत से 5,00,000 लाख टन सफेद चीनी और कपास का आयात करने की मंजूरी दी है। दोनों देशों के बीच 19 माह से बंद पड़े व्या पार को अब एक बार फ‍िर से चालू किया जाएगा। भारत-पाकिस्तान के संबंधों में तल्खियां धीरे-धीरे कम होती नजर आ रही हैं। पाकिस्ता न ने एक बार फि‍र झुकते हुए भारत के साथ व्याहपार शुरू करने का ऐलान किया है। पाकिस्ता‍न के वित्त मंत्री हम्माशद अजहर के अनुसार पाकिस्तानन की इकोनॉमिक को-ऑर्डिनेशन कमेटी (ECC) ने बुधवार को प्राइवेट सेक्ट र को भारत से 5,00,000 लाख टन सफेद चीनी और कपास का आयात करने की मंजूरी दी है। दोनों देशों के बीच 19 माह से बंद पड़े व्याूपार को अब एक बार फ‍िर से चालू किया जाएगा।

Published / 2021-03-30 14:19:52
विश्व में कोरोना सँक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या 27.92 लाख के पार

दुनिया में कोरोना वायरस (कोविड-19) सँक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या 27.92 लाख के पार पहुंच गई, जबकि सँक्रमितों की संख्या 12.76 करोड़ से अधिक हो गयी है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आँकड़ों के मुताबिक दुनिया के 192 देशों एवं क्षेत्रों में कोरोना सँक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 12 करोड़ 76 लाख 54 हजार 979 तक पहुंच गयी है, जबकि अभी तक इस वायरस के सँक्रमण से मरने वालों की संख्या 27 लाख 92 हजार 044 हो गयी है। वैश्विक महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है तथा यहां सँक्रमितों की सँख्या बढ़कर तीन करोड़ की संख्या पार कर चुकी है। देश में कोरोना सँक्रमितों की संख्या तीन करोड़ तीन लाख 62 हजार 380 हो गई है जबकि पांच लाख 49 हजार 335 मरीजों की मौत हो चुकी है। दुनिया में एक करोड़ से अधिक कोरोना सँक्रमितों की संख्या वाले तीन देशों में शामिल ब्राजील दूसरे स्थान पर है। यहां अब तक एक करोड़ 25 लाख 73 हजार 615 लोग इस वायरस से प्रभावित हुए हैं। यहां तीन लाख 13 हजार 866 मरीजों की मौत हो चुकी है। भारत में भी कोरोना सँक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ रहे हैं और यह विश्व में तीसरे स्थान पर बरकरार है। यहां पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस सँक्रमण के 56,211 नये मामले सामने आए। इसके बाद कुल सँक्रमितों की संख्या एक करोड़ 20 लाख 95 हजार 855 हो गयी है। इस दाैरान 37,028 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर अब तक 1,13,93,021 मरीज कोरोना मुक्त भी हो चुके हैं। सक्रिय मामले 5,40,720 हो गये हैं। इसी अवधि में 271 और मरीजों की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,62,214 हो गयी है। शीर्ष तीन देशों के बाद सँक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित देशों में चौथे स्थान पर अब फ्रांस पहुंच गया है। फ्रांस में कोरोना वायरस से अब तक 46.15 लाख से अधिक लोग सँक्रमित हुए हैं जबकि 95,114 मरीजों की मौत हुयी है। इसके बाद रूस में कोरोना वायरस से करीब 44.78 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 96,413 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस प्रभावितों की कुल संख्या 43.52 लाख के करीब पहुंच गयी है और 1,26,857 लोगों की मौत हो चुकी है। इटली में सँक्रमितों की संख्या करीब 35.45 लाख हो गई है और 108,350 लोगों की मौत हो चुकी है। स्पेन में इस महामारी से अब तक करीब 32.71 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 75,199 लोगों की मौत हो चुकी है।

Published / 2021-03-30 11:38:37
अपने भी साथ नहीं देंगे तो कैसे राज करेंगे जो बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रस्तावित प्रगतिशील कदमों के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। तीन ट्रिलियन डॉलर के प्रस्तावित इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज और धनी लोगों पर टैक्स बढ़ाने की योजना का विरोध उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर ही शुरू हो गया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के परंपरावादी सांसद ऐसे कदमों के पक्ष में नहीं हैं। ये बात वेबसाइट एक्सियोस.कॉम की एक रिपोर्ट से सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक मुमकिन है कि ये प्रस्ताव अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में भी गिर जाए, जहां डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है। वेबसाइट के मुताबिक उसने बीते एक हफ्ते में हाउस और सीनेट के डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुत से सदस्यों से बातचीत की। उनमें ऐसी बड़ी संख्या है, जो धनी लोगों पर टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव का खुल कर विरोध करने को तैयार हैं। न्यू जर्सी राज्य से हाउस के सदस्य जोस गॉठेइमर ने कहा कि वे टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव से चिंतित हैं, क्योंकि इससे आर्थिक स्थिति में सुधार की गति धीमी हो जाएगी। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा है कि राष्ट्रपति बाइडन अपनी अहम प्राथमिकताओं पर एक आम सहमति बनाना चाहते हैं। मकसद अमेरिका में अधिक नौकरियां पैदा करना और देश को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में अधिक कुशल बनाना है। लेकिन उनका उन लोगों पर टैक्स बढ़ाने का इरादा नहीं है, जिनकी आमदनी साल में चार लाख डॉलर तक है। जानकारों का कहना है कि अगर सीनेट में एक भी डेमोक्रेट सदस्य ने विरोध में मतदान किया, तो वहां प्रस्ताव गिर जाएगा। सीनेटर जो मंचिन कह चुके हैं कि वे कॉरपोरेट टैक्स बढ़ा कर 28 फीसदी करने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेंगे। रिपब्लिकन पार्टी ऐसे प्रस्तावों का पूरा विरोध करेगी, ये तय है। इसलिए विश्लेषकों का कहना है कि पूरी स्थिति देखते हुए ये लगता है कि जो बाइडन अपने तमाम इरादों के बावजूद आगे कोई बड़ा प्रगतिशील कदम लागू कर पाएंगे, इसकी संभावना कम है। रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में ये बात जाती है कि ज्यादातर राज्यों में उसका शासन है। अदालतों में भी अब कंजरवेटिव जज ज्यादा हैँ। अमेरिकी सिस्टम में राज्य सरकारें काफी शक्तिशाली हैं। अदालतें नीतिगत मामलों में आखिरी निर्णयकर्ता होती हैं। विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है कि राष्ट्रपति बाइडन वाशिंगटन में भले बड़े प्रगतिशील इरादे दिखा रहे हों, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी की राज्य सरकारें भी अपने यहां उतनी ही तेजी और सख्ती से पार्टी के कंजरवेटिव एजेंडे को लागू कर रही हैं।

Published / 2021-03-29 05:35:12
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने दी शुभकामनाएं

आज भारत में होली का त्योहार खूब धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में मतभेदों को भुलाकर साथ आने की बात कही। कमला हैरिस ने ट्विटर पर लिखा कि होली मुबारक, होली को जीवंत रंगों के लिए जाना जाता है और यह रंग अपनों और प्यार करने वालों पर डाला जाता है। होली का त्योहार सकारात्कता से भरा है। आपको बता दें कि इस वर्ष होली 29 मार्च को मनाई जा रही है। भले ही यह मुख्य रूप से हिंदू त्योहार है, लेकिन यह अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। यह देश में वसंत फसल के मौसम के आगमन का प्रतीक है। साथ ही अब देशभर में होली का रंग गाढ़ा हो चुका है। बधाईयां भी बंटनी शुरू हो गई है। हाट बाजार से लेकर घरों में पकवान बनने शुरू हो गए हैं। खोवा और मेवा के मिश्रण से होली का प्रसिद्ध पकवान गुझिया तैयार है। शाम को होली पर घर आने वाले मेहमानों को गुझिया से मुंह मीठा कराया जाएगा। इसके बाद अबीर, गुलाल और रंगों की होली होगी। बुजुर्ग, जवान, महिलाएं सभी इस त्योहार का आनंद लेंगे।

Page 118 of 120

Newsletter

Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.

We do not share your information.

Tranding

abnnews24

सच तो सामने आकर रहेगा

टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।

© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse