कोरोना वारस महामरी से पूरा विश्व प्रभावित हुआ है। सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी और दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी भी इससे बच नहीं पाई है। साल 2020 में सऊदी अरामको के मुनाफा में भारी गिरावट आई है। कंपनी का मुनाफा 49 अरब डॉलर यानी सिर्फ 3.55 लाख करोड़ रुपये रह गया है। अरामको दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक है। इससे पहले साल 2019 में कंपनी ने 88.2 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया था। जबकि साल 2018 में यह आंकड़ा 111.1 अरब डॉलर रहा था। यह आंकड़ा एपल और गूगल की कंपनी एल्फाबेट के कुल सालाना लाभ से भी अधिक है। मालूम हो कि महामारी की वजह से दुनियाभर में आवाजाही पर अंकुश लगा था, जिससे पेट्रोलियम उत्पादों के दाम सर्वकालिक निचले स्तर पर चले गए थे। पिछले कुछ सप्ताहों से आवाजाही पर अंकुशों में ढील, फिर से कारोबार खुलने और कोविड-19 टीकाकरण अभियान की वजह से कच्चे तेल के दाम चढ़े हैं। इस संदर्भ में अरामको ने कहा था कि वह तिमाही आधार पर 18.75 अरब डॉलर या सालाना 75 अरब डॉलर के लाभांश के भुगतान के वादे को पूरा करेगी। दिसंबर 2019 में कंपनी ने आईपीओ पेश किया था। रिलायंस की दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी से बातचीत मालूम हो कि काफी समय से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको के साथ 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत कर रही थी। लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से यह डील रुक गई थी। कंपनी के तेल-से-रसायन व्यवसाय का मूल्यांकन 75 अरब डॉलर किया गया था। 15 जुलाई 2020 को हुई रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं एजीएम में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के चलते बनी अभूतपूर्व परिस्थितियों के चलते सऊदी अरामको के साथ प्रस्तावित डील समय से नहीं हो पा रही है। लेकिन हम सऊदी अरामको के साथ अपने दो दशक से ज्यादा के कारोबारी संबंधों का सम्मान करते हैं और उसके साथ लंबी अवधि की भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कच्चे तेल के दुनिया भर में प्रमुख ग्राहक चीन की तरफ से इस सप्ताह के मध्य में खरीद घटी है। इसका असर क्रूड के स्पॉट मार्केट पर पड़ा है। इस वजह से कच्चे तेल की मांग पर असर पड़ा है और इसकी बढ़ती कीमतों पर लगाम लगी। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड करीब 5 डॉलर प्रति बैरल कम होकर 63 डॉलर प्रति बैरल के पास बंद हुआ। इधर, घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आज भी स्थिरता रही। यह लगातार 20वां दिन है, जबकि इन ईंधनों के दाम में कोई फेरबदल नहीं हुआ। शुक्रवार को भी दिल्ली के बाजार में पेट्रोल 91.17 रुपए और डीजल 81.47 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर रहा। इस समय लगभग हर शहर में दोनों ईधनों के दाम आॅल टाइम हाई पर चल रहे हैं। कच्चे तेल के दुनिया भर में प्रमुख ग्राहक चीन की तरफ से इस सप्ताह के मध्य में खरीद घटी है। इसका असर क्रूड के स्पॉट मार्केट पर भी पड़ा है। इस वजह से कच्चे तेल की मांग पर असर पड़ा है और इसकी बढ़ती कीमतें पर लगाम लगी। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड 63 डॉलर प्रति बैरल के करीब बंद हुआ। आज, शुक्रवार को सिंगापुर में फिर 4.90 डॉलर फिसल कर 59.49 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड हो रहा था। उस समय ब्रेंट क्रूड भी 5.01 डॉलर प्रति बैरल कम हो कर 62.97 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड हो रहा था। भारत में कहने को तो सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल का दाम तय करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन उनके कामकाज में ऐसा दिखता नहीं है। क्योंंकि, जब-जब चुनाव का मौसम आता है, तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल महंगा होने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम घरेलू बाजार में स्थिर रहते हैं। चुनाव खत्म होते ही फिर कीमत बढ़ने लगती है। बीते अक्टूबर-नवंबर के दौरान जब बिहार में विधानसभा चुनाव हो रहा था, तब लगातार 48 दिनों तक दाम में कोई फेरबदल नहीं हुआ था। उसके बाद लगभग रोज कीमतें बढ़ीं। इस समय पश्चिम बंगाल, केरल और असम समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है।
अगर आप किसी अच्छे बिजनेस आइडिया की तलाश में हैं तो गर्मियों के मौसम में एक अच्छा आइडिया आपका इंतजार कर रहा है। इस व्यापार को शुरू करने के लिए आपको लाखों करोड़ों का खर्च नहीं करना पड़ेगा। कम पैसों में आप एक अच्छा बिजनेस सेटअप कर सकते हैं और इस मौसम में आप अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। गर्मी के मौसम में आप आइसक्रीम पार्लर शुरू कर सकते हैं। भारत सरकार भी आपकी मदद करेगी क्योंकि आसानी से अगर आप चाहें तो लोन ले सकते हैं या कुछ निवेश किया है तो कम पैसों में इसकी शुरुआत कर सकते हैं। इस बिजनेस में सबसे ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती। गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम हर घर में पसंद की जाती है। इस मौसम में कम पैसों में यह बिजनेस शुरू करने का बेहतरीन आइडिया है। अगर आप किसी बड़ी कंपनी के साथ मिलकर उनके ब्रांड के साथ काम शुरू करना चाहते हैं तो कई बड़ी कंपनियां फ्रेंचइजी देती हैं। कंपनियां आइसक्रीम की बिक्री पर अच्छा कमीशन देती हैं लेकिन अगर आप कई कंपनियों की आइस क्रीम रखकर अपना पार्लर खोलते हैं तो ग्राहकों के पास सुविधा होगी कि वह किसी कंपनी की आइसक्रीम आपके पास से खरीद सकते हैं। कई कंपनियां तो आपका व्यापार अच्छा चलने पर आपको फ्रीज भी देती हैं। आप अपने बजट के अनुसार इसे बेहतर ढंग से चला सकते हैं अगर आप छोटे स्केल पर इसे शुरू करना चाहते हैं तो आपको बस एक फ्रीज खरीदना है और थोड़ा सा माल लेकर धंधा शुरू कर देना है लेकिन अगर आप इसे बड़े पैमाने पर करना चाहते हैं तो आपको शहर के अच्छे इलाके में दुकान लेनी होगी। फर्नीचर का खर्चा आयेगा। शहर के आइसक्रीम बेचने वाले डिस्ट्रिीब्यूटर्स से संपर्क करके आपको अलग-अलग कंपनी की आइसक्रीम रखनी होगी। अगर आप अपने आइसक्रीम पार्लर में सभी मशीन रखते हैं तो आपको 1 -2 लाख रुपये का खर्चा आयेगा इन मशीन में। फ्रिज, मिक्सर, थर्मोकोल आइस कूलर बॉक्स, कूलर कंडेंसर, ब्रिने टैंक जैसी मशीन आपको आइसक्रीम बनाने के लिए रखनी होगी। अगर आप इतना खर्चा कर रहे हैं और अपनी कंपनी खड़ी कर रहे हैं तो आपको अपनी कंपनी का पंजीकरण भी कराना होगा। पंजीकरण करवाने से आपकी कंपनी के नाम पर केवल आपका ही हक होगा।इस पंजीकरण के बाद आप सरकार की कई योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा। साथ ही आपको लाइसेंस लेना भी जरूरी होगा। किसी भी खाने की चीज को बाजार में बेचने के लिए लाइसेंस होना जरूरी है। खाने की चीज का लाइसेंस एफएसएसएआई देता है। इसके लिए आपको आॅनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद एफएसएसएआई आपके आइसक्रीम की क्वालिटी चेक करेगा सब सही हुआ तो इसे बेचने की इजाजत मिल जायेगी।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की आठवीं किस्त अप्रैल से जुलाई के बीच में किसानों के खाते में आने वाली है. अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं और आपने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो अविलंब अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करायें और इस आकर्षक योजना का लाभ लें. 2019 में हुई थी योजना की शुरुआत किसानों को सहायता देने के लिए सरकार उनके खाते में छह हजार रुपये सालाना की सहायता देती है. यह राशि किसानों को तीन किस्तों में मिलती है. यानी उन्हें दो-दो हजार रुपये मिलती है. पहली किस्त एक अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त एक अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती है. अबतक किसानों को सात किस्त मिल चुकी है. ऐसे में पूरी संभावना है कि अप्रैल में योजना की आठवीं किस्त आयेगी.31 मार्च से पहले करायें रजिस्ट्रेशन अगर आप भी इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं तो देर ना करें, आप 31 मार्च तक अपना रजिस्ट्रेशन इस स्कीम के तहत करा लें. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके खाते में आठवीं किस्त के साथ दो हजार रुपये और आयेगा. यानी अगर आप 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं तो आपके खाते में चार हजार रुपये आ जायेंगे. नियम के अनुसार दरअसल जब भी कोई किसान रजिस्ट्रेशन कराता है तो सरकार उसको दो किस्तों की रकम एक साथ मुहैया कराती है. तो अगर आप इसका फायदा उठाते हैं, तो देर ना करें तुरंत रजिस्ट्रेशन करें.
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