टीम एबीएन, रांची। गेल (इंडिया) लिमिटेड ने गुरुवार को अपने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क - पूर्वी सिंहभूम के तहत टाटा स्टील लिमिटेड के साथ गैस सेल्स एग्रीमेंट (जीएसए) पर समझौता किया। यह समझौता गेल के विभिन्न सीजीडी नेटवर्क वाराणसी, पटना, रांची, पूर्वी सिंहभूम, कटक और खोरधा में अब तक के सबसे बड़े औद्योगिक ग्राहक को शामिल किया गया है।
समझौते के तहत, टाटा स्टील के जमशेदपुर स्थित कांबी-मिल प्लांट को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जाएगी। शुरूआत में 31,000 एससीएमडी (स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर/दिन) गैस दी जायेगी, जिसे आगे बढ़ाकर 43,000 एससीएमडी तक किया जायेगा।
यह कदम झारखंड राज्य में औद्योगिक स्थिरता (इंडस्ट्रियल सस्टेनेबिलिटी) बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। स्वच्छ ईंधन (क्लीन फ्यूल) के उपयोग से बड़े पैमाने पर उद्योगों को लाभ होगा
एबीएन सेन्ट्रल डेस्क। केंद्र सरकार ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर के नए रेट्स का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। ये नई दरें 22 सितंबर से लागू हो जाएंगी। यह नोटिफिकेशन 3 सितंबर को हुई GST काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों के बाद जारी किया गया है और यह 28 जून 2017 की अधिसूचना की जगह लेगा।
नए नियमों के मुताबिक, अब वस्तुएं और सेवाएं 22 सितंबर से नए GST रेट्स के अनुसार उपलब्ध होंगी। केंद्र सरकार ने इस बदलाव को सभी राज्यों तक पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। आने वाले दिनों में सभी राज्य भी अपनी तरफ से नई दरें लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करेंगे।
GST काउंसिल ने इस बैठक में 12% और 28% की दरें खत्म कर दी हैं। इसके स्थान पर 5% और 18% की दो मुख्य दरें तय की गई हैं। इसके अलावा, सिन और लग्जरी वस्तुओं के लिए 40% की दर भी सिफारिश की गई थी, लेकिन इस पर उपकर समाप्त कर दिया गया है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड उद्योग जगत और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर बदलावों को आसान बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। सरकार ने नई कीमतों की लेबलिंग के लिए भी नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उद्योग जगत भी टैक्स कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने और नए टैक्स नियमों का पालन सुनिश्चित करने की तैयारी कर रहा है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए टैक्स नोटिफिकेशन के बाद उद्योगों को अपनी ERP सिस्टम, मूल्य निर्धारण और आपूर्ति श्रृंखला को सही तरीके से समायोजित करना जरूरी हो गया है। EY के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, यह बदलाव रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है ताकि व्यवस्था सही से काम करे और इसका फायदा अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचे।
GST दरों में बदलाव से आम जरूरत की कई वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। 28% स्लैब में शामिल ज्यादातर उत्पाद अब 18% स्लैब में आएंगे, जबकि 12% स्लैब के कई उत्पाद 5% की दर पर उपलब्ध होंगे। इसके अलावा कुछ 18% स्लैब में शामिल खाद्य पदार्थ भी 5% की दर में आ जाएंगे। इस बदलाव से टूथपेस्ट, साबुन, शैंपू, एयर कंडीशनर, कार, बाइक और टीवी जैसे उत्पादों के GST रेट कम होंगे, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है।
एबीएन बिजनेस डेस्क। जीएसटी प्रणाली में हालिया बदलाव के बाद मदर डेयरी ने अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। खासकर दूध के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की गयी है, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
मदर डेयरी ने घोषणा की है कि वह अपने कई वैल्यू-ऐडेड डेयरी उत्पादों और प्रोसेस्ड फूड आइटम्स के दाम कम कर रही है। यह नया मूल्य निर्धारण 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। इससे न केवल ग्राहकों की जेब पर राहत मिलेगी, बल्कि पूरे डेयरी सेक्टर और किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा।
सबसे बड़ा फायदा पैक्ड यूएचटी दूध को मिलेगा, जिस पर पहले 5% जीएसटी लगता था, अब इसे पूरी तरह से 0% कर दिया गया है। इसका मतलब है कि इस दूध का मूल्य सीधे घटेगा और उपभोक्ताओं को सस्ता मिलेगा। इसके अलावा पनीर, घी, बटर, चीज, मिल्कशेक और आइसक्रीम जैसे डेयरी उत्पादों पर लगने वाला टैक्स 12-18% से घटाकर मात्र 5% कर दिया गया है, जिससे इन चीजों के दाम में भी कमी आयेगी।
मदर डेयरी के कई फूड प्रोडक्ट्स जैसे फ्रोजन स्नैक्स, जैम, अचार, नारियल पानी और टमाटर प्यूरी पर भी अब टैक्स दर 12% से घटाकर 5% कर दी गयी है, जिससे इन उत्पादों के दाम भी कम होंगे और ग्राहकों को बेहतर विकल्प मिलेंगे।
अब नए दामों की लिस्ट के मुताबिक, टेट्रा पैक दूध का एक लीटर जो पहले 5% जीएसटी सहित 77 रुपये में बिकता था, अब आपको 75 रुपये में मिलेगा। घी का 750 ग्राम का टीन जो पहले 750 रुपये का था, अब 720 रुपये में उपलब्ध होगा। 200 ग्राम पनीर की कीमत भी घटकर 95 रुपये से 92 रुपये हो गई है। वहीं, 200 ग्राम चीज स्लाइस की कीमत 170 रुपये से कम होकर 160 रुपये रह गयी है।
400 ग्राम पनीर का पैकेट पहले 180 रुपये में मिलता था, जो अब 174 रुपये में मिलेगा। मलाई पनीर का 200 ग्राम पैक भी 100 रुपये से घटकर 97 रुपये का हो गया है। मदर डेयरी के टेट्रा पैक दूध का 450 मिलीलीटर पैक पहले 33 रुपये का था, अब 32 रुपये में मिलेगा। साथ ही, 180 मिलीलीटर मिल्कशेक का पैक भी 30 रुपये की जगह अब 28 रुपये में मिल सकेगा।
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि फुल क्रीम दूध, टोंड मिल्क, गाय का दूध जैसे पॉली पैक दूध पर पहले से ही कोई जीएसटी नहीं लगता था और अब भी इन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसलिए इन उत्पादों के दामों में कोई बदलाव नहीं होगा।
एबीएन बिजनेस डेस्क। भारतीय शेयर बाजारों में आज 16 सितंबर को शानदार बढ़त देखने को मिली। सेंसेक्स 594 अंकों की तेजी के साथ 82,380 के स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी में भी 169 अंक की बढ़त रही, ये 25,239 के स्तर पर बंद हुआ। ग्लोबल मार्केट से मिले मजबूत संकेतों और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बढ़ी उम्मीदों से शेयर बाजार का सेंटीमेंट मजबूत हुआ।
एबीएन बिजनेस डेस्क। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन आज यानी मंगलवार, 2 सितंबर को शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। सेंसेक्स 206 अंक की गिरावट के साथ 80,157 के स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी में भी 45 अंक की गिरावट रही, ये 24,579 के स्तर पर बंद हुआ।
हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार, 1 सितंबर को सेंसेक्स 555 अंक चढ़कर 80,364 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 198 अंक की तेजी रही, ये 24,625 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
एबीएन बिजनेस डेस्क। पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद शेयर बाजार में आज यानी सोमवार, 1 सितंबर को शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स 554 अंक चढ़कर 80,364 के स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी में भी करीब 198 अंक की तेजी रही, ये 24,625 के स्तर पर बंद हुआ।
अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8% बढ़ी, जो पिछले 5 तिमाहियों का रिकॉर्ड है और आरबीआई के 6.5% अनुमान से ज्यादा है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा और बाजार में पॉजिटिव सेंटीमेंट आया।
पीएम मोदी चीन के तियानजिन में एससीओ समिट में शामिल हुए और शी जिनपिंग व पुतिन से मुलाकात की। इससे भारत-चीन रिश्तों में तनाव कम होने और ग्लोबल ट्रेड समीकरण बदलने की उम्मीद जगी, जिसका असर बाजार पर दिखा।
अमेरिकी अपील कोर्ट ने ट्रंप के कई टैरिफ अवैध ठहराये। यह फैसला भारतीय बाजारों के लिए राहत लेकर आया, क्योंकि पहले इन्हीं टैरिफ के चलते भारी गिरावट देखी गयी थी।
पिछले 3 दिन की गिरावट के बाद निवेशकों ने निचले स्तर पर खरीदारी की। सेंसेक्स 80,000 के नीचे और निफ्टी 24,500 से नीचे चला गया था, जिसके बाद वैल्यू बाइंग से बाजार को सपोर्ट मिला।
निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.3% चढ़ा और इसके सभी 10 शेयर हरे निशान में रहे। अमेरिका के पीसीई डेटा के बाद ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बनी, जिससे भारतीय आईटी सेक्टर को फायदा हुआ।
3-4 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल मीटिंग में सिर्फ 5% और 18% की दो दरें रखने का प्रस्ताव चर्चा में है। इससे कई सेक्टर्स को मजबूती और ग्रोथ को रफ्तार मिलने की संभावना है।
एबीएन सेन्ट्रल डेस्क। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1) में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Real GDP) की वृद्धि दर 7.8% रही है। यह पिछली वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में दर्ज की गई 6.5% की वृद्धि दर से कहीं अधिक है। पिछली 5 तिमाही में सबसे ज्यादा GDP ग्रोथ रेट है।
आंकड़ों से पता चलता है कि मजबूत घरेलू मांग, निवेश में तेजी और नीतिगत सुधारों के चलते अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रफ्तार भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनाए रखेगी।
6 अगस्त को भारतीय रिजर्व बैंक ने मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में FY26 के लिए इकोनॉमी ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा था। RBI गवर्नर ने कहा था- मानसून सीजन अच्छा चल रहा है। साथ ही, त्योहारों का सीजन भी नजदीक आ रहा है।
ये अनुकूल माहौल, सरकार और रिजर्व बैंक की सहायक नीतियों के साथ, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए निकट भविष्य में अच्छा संकेत देता है। भले ही ग्लोबल ट्रेड की चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं कुछ हद तक कम हुई हैं।
एबीएन बिजनेस डेस्क। प्रतिस्थापन मांग के चलते घरेलू टायर उद्योग चालू वित्त वर्ष 2026 में 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है। उद्योग विशेषज्ञों और कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, कमजोर मूल उपकरण मांग के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत उपभोक्ता रुझान, त्योहारी सीजन की संभावनाएं और ब्याज दरों में कटौती जैसे कारकों से यह वृद्धि संभव मानी जा रही है।
जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक अंशुमान सिंघानिया ने कहा कि भारतीय टायर उद्योग अब भी एक निर्यात-प्रधान विनिर्माण क्षेत्र बना हुआ है और वित्त वर्ष 2025 में इसका निर्यात 25,000 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुका है। उन्होंने एक विश्लेषक कॉल में बताया, वित्त वर्ष 2026 में भारतीय टायर उद्योग को कमजोर मूल उपकरण मांग के बावजूद घरेलू प्रतिस्थापन मांग के आधार पर 7-8 प्रतिशत की वृद्धि हासिल होने की उम्मीद है।
सिंघानिया के अनुसार, इस वृद्धि का श्रेय क्षमता विस्तार में निरंतर निवेश, विनिर्माण दक्षता में सुधार और अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं को मजबूत करने पर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन, हाल ही में रेपो दरों में कटौती और अनुकूल मानसून के चलते उपभोक्ता धारणा में सुधार की भी संभावना है।
अपोलो टायर्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी गौरव ने भी बाजार में मांग सुधार की संभावना जताई। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि मानसून के बाद बुनियादी ढांचा और खनन क्षेत्रों में तेजी आएगी, जिससे वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मांग बेहतर हो सकती है। कच्चे माल की लागत के बारे में उन्होंने कहा, दूसरी तिमाही में कच्चे माल की लागत मौजूदा स्तरों की तुलना में थोड़ी कम रहने की संभावना है, हालांकि विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के कारण कुछ अनिश्चितता बनी हुई है।
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