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Published / 2025-10-17 21:52:13
दूसरी तिमाही में जेएसडब्ल्यू की रिकॉर्डतोड़ कमाई

दूसरी तिमाही में कंपनी का एइकळऊअ मार्जिन (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई का मार्जिन) पिछले साल के 14.2% से बढ़कर 17.4% हो गया 

एबीएन बिजनेस डेस्क। भारत की सबसे बड़ी स्टील कंपनी खरह स्टील ने शुक्रवार को अपनी दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) के नतीजे जारी किये। बीती तिमाही कंपनी का मुनाफा पिछले साल की तुलना में लगभग चार गुना बढ़कर 1,623 करोड़ रुपये (लगभग 185 मिलियन डॉलर) हो गया। पिछले साल इस दौरान कंपनी ने 439 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। 

कंपनी ने इस बार 20% ज्यादा स्टील बेचा, जिससे उसकी कमाई बढ़ी। हालांकि, स्टील की कीमतें कम होने और सरकार द्वारा कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर आयात शुल्क लगाने के बावजूद कंपनी ने यह शानदार प्रदर्शन किया। खरह स्टील भारत में स्टील उद्योग के लिए तिमाही नतीजों की शुरुआत करने वाली पहली कंपनी है। 

अरबपति व्यापारी सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली खरह स्टील ने भारत में अपनी फैक्ट्रियों में 92% क्षमता का इस्तेमाल किया। कंपनी का एइकळऊअ मार्जिन (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई का मार्जिन) पिछले साल के 14.2% से बढ़कर 17.4% हो गया, हालांकि यह पिछली तिमाही के 18.2% से थोड़ा कम था। 

पिछले साल सितंबर तिमाही में कंपनी को जाजंग आयरन ओर खदान के पट्टे को सरेंडर करने की वजह से 342 करोड़ रुपये का एकमुश्त खर्च उठाना पड़ा था। इस बार, असाधारण खर्च को छोड़कर कंपनी का टैक्स से पहले का मुनाफा पिछले साल की तुलना में 107.3% बढ़ा।

Published / 2025-10-16 20:24:53
दीपावली से पहले शेयर बाजार ने पकड़ी रफ्तार

बाजार में दिवाली से पहले धमाका! सेंसेक्स-निफ्टी में जबरदस्त तेजी, इन 5 कारणों से शेयर बाजार हुआ बूम 

एबीएन बिजनेस डेस्क। भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार (16 अक्टूबर) को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स 862 अंकों की तेजी के साथ 83,467 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 261 अंक मजबूत होकर 25,585 के स्तर पर बंद हुआ। 

कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 900 अंकों से अधिक की छलांग लगायी। बाजार में बैंकिंग शेयरों में खरीदारी, मजबूत वैश्विक संकेत और विदेशी निवेशकों की वापसी ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाया। 

बैंकिंग सेक्टर की मजबूती 

बैंकिंग शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली। बैंक निफ्टी 0.5% ऊपर गया। एक्सिस बैंक के शेयर सितंबर तिमाही के मजबूत नतीजों और ब्रोकरेज बर्नस्टीन की आउटपरफॉर्म रेटिंग से 4% उछले। इसके साथ ही, सरकारी बैंकों के संभावित मर्जर की खबरों ने भी बाजार को रफ्तार दी। 

रुपये में मजबूती 

भारतीय रुपया 40 पैसे चढ़कर 87.68 प्रति डॉलर तक पहुंच गया। आरबीआई के हस्तक्षेप, कमजोर डॉलर इंडेक्स और कच्चे तेल की गिरती कीमतों से रुपये को समर्थन मिला। 

विदेशी निवेशकों की वापसी विदेशी निवेशकों ने लंबे समय बाद बाजार में खरीदारी का रूख दिखाया। 15 अक्टूबर को उन्होंने 68.64 करोड़ रुपये का निवेश किया और पिछले एक हफ्ते में 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की। 

मजबूत वैश्विक संकेत 

एशियाई बाजारों जापान का निक्केई, कोरिया का कोस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट में तेजी ने भारतीय बाजार को भी बल दिया। 

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीदें 

भारत के वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल वाशिंगटन में अमेरिकी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। इससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा और व्यापारिक सहयोग पर सकारात्मक संकेतों की उम्मीद है।

Published / 2025-10-15 18:38:38
रांची : साल भर में 20% बढ़ गया पटाखों के दाम

पटाखों से सजा बाजार! 20% तक बढ़ी कीमतें, ग्रीन क्रैकर्स की मांग में इजाफा 

टीम एबीएन, रांची। दीपावली का पर्व रोशनी, मिठास और खुशियों के साथ-साथ पटाखों की चमक के बिना अधूरा माना जाता है। हर साल की तरह इस बार भी राजधानी रांची के बाजारों में एक से बढ़कर एक पटाखों की रौनक दिखायी दे रही है। मोरहाबादी मैदान में जिला प्रशासन के निर्देशानुसार इस वर्ष भी विशेष पटाखा बाजार सजाया गया है। 

सुरक्षा मानकों और पर्यावरणीय गाइडलाइनों का पालन करते हुए यहां पटाखों की दुकानें लगायी गयी हैं। फायर सेफ्टी, बालू और पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। पटाखा विक्रेताओं का कहना है कि इस बार बाजार में कई बड़े ब्रांड के ग्रीन और इको-फ्रेंडली पटाखे उपलब्ध हैं। पिछले दो वर्षों से ग्रीन पटाखों का चलन बढ़ा है। इस वर्ष भी ग्राहकों की पहली पसंद यही बन रहे हैं। 

विक्रेताओं के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस बार पटाखों की कीमतों में 15 से 20 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। इसके बावजूद दीपावली के जोश में कमी नहीं है। ग्राहकों का कहना है कि कीमतें बढ़ी जरूर हैं, लेकिन त्योहार पर थोड़े बहुत पटाखा फोड़ना तो बनता ही है। 

फिलहाल, पटाखा बाजार में भीड़ थोड़ी कम है, लेकिन दुकानदारों को उम्मीद है कि दीपावली नजदीक आने के साथ ही ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी। मोरहाबादी का यह पटाखा बाजार इन दिनों रंग-बिरंगी रोशनी और आकर्षक पैकेजिंग से दमक रहा है। 

पटाखों के शौकीनों के लिए यहां हर तरह की वैरायटी मौजूद है। पारंपरिक फुलझड़ी से लेकर नये डिजाइन वाले इको-फें्रडली कै्रकर्स तक। दीपावली की तैयारी के बीच राजधानी रांची का पटाखा बाजार इस समय पूरी तरह सज-धज कर त्योहार का स्वागत करने को तैयार है।

Published / 2025-10-15 18:34:17
शेयर बाजार में लगातार चार दिन की छुट्टी

शेयर बाजार में लगेगा लॉन्ग वीकेंड ब्रेक, लगातार 4 दिन छुट्टी, सिर्फ 1 घंटे खुलेगा दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग 

एबीएन बिजनेस डेस्क। दिवाली का पर्व केवल घरों में ही नहीं, बल्कि शेयर बाजार में भी विशेष महत्व रखता है। हर साल की तरह इस साल भी दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग होगी, लेकिन उससे पहले बाजार में लगातार चार दिनों की छुट्टियों का सिलसिला देखने को मिलेगा। निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए यह ब्रेक किसी अलर्ट से कम नहीं है।

कब-कब बंद रहेगा शेयर बाजार 

बीएसई और एनएसई की आधिकारिक छुट्टियों की सूची के अनुसार, बाजार 19 अक्टूबर (शनिवार) से लेकर 22 अक्टूबर (मंगलवार) तक पूरी तरह बंद रहेगा: 

  • 19 अक्टूबर (शनिवार): धनतेरस 
  • 20 अक्टूबर (रविवार): साप्ताहिक अवकाश 
  • 21 अक्टूबर (सोमवार): दिवाली (लक्ष्मी पूजन) 
  • 22 अक्टूबर (मंगलवार): बलि प्रतिपदा 

इस दौरान न केवल स्टॉक मार्केट, बल्कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज और करेंसी डेरिवेटिव्स मार्केट भी बंद रहेंगे। 

दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग कब होगी? 

  • एनएसई और बीएसई ने संयुक्त रूप से घोषणा की है कि इस साल दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र 21 अक्टूबर को दोपहर 1:45 से 2:45 बजे तक आयोजित किया जायेगा। 
  • आर्डर एंट्री में बदलाव की अंतिम समय सीमा: 2:55 पीएम 
  • यह सत्र केवल एक घंटे के लिए होगा और नये संवत 2082 की शुरुआत का प्रतीक होगा। 
  • कौन-कौन से सेगमेंट होंगे शामिल? 

इस एक घंटे के विशेष सत्र में निम्नलिखित बाजार खुलेंगे: 

  • इक्विटी 
  • इक्विटी फ्यूचर्स और आप्शंस 
  • कमोडिटी डेरिवेटिव्स 
  • करेंसी डेरिवेटिव्स 
  • सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग 

ऐतिहासिक नजरिया: शुभ साबित होता है ये ट्रेड 

मुहूर्त ट्रेडिंग परंपरागत रूप से शुभ मानी जाती है। पिछले 16 वर्षों में से 13 बार बाजार हरे निशान पर बंद हुआ है, भले ही ट्रेडिंग वॉल्यूम कम रहा हो। 2024 में, बीएसई सेंसेक्स में 335 अंकों की तेजी दर्ज की गयी। निफ्टी 50 भी 99 अंक चढ़कर बंद हुआ। 

निवेशकों के लिए सलाह 

  • लंबी छुट्टी से पहले अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें 
  • तरलता सुनिश्चित करें, क्योंकि अगले 4 दिन कोई लेनदेन नहीं हो सकेगा 
  • मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए रणनीति तैयार रखें, यह सत्र प्रतीकात्मक जरूर है, लेकिन मूड सेट करता है 

आने वाली छुट्टियां भी जान लें 

  • 5 नवंबर: श्री गुरु नानक देव जयंती 
  • 25 दिसंबर: क्रिसमस

Published / 2025-10-14 20:06:44
लाल निशान में बंद हुआ शेयर बाजार

ये हैं 6 कारण जिनकी वजह से धड़ाम हुआ स्टॉक मार्केट 

एबीएन बिजनेस डेस्क। भारतीय शेयर बाजारों में मंगलवार, 14 अक्टूबर को लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स-निफ्टी दोनों लाल निशान पर बंद हुए। सेंसेक्स 297.07 अंक गिरकर 82,029.98 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 81.85 अंक लुढ़का, ये 25,145.50 पर बंद हुआ। 

कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 492.77 अंक या 0.60% गिरकर 81,834.28 पर रहा, जबकि निफ्टी 145.25 अंक या 0.58% गिरकर 25,082.10 पर था। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी लगभग 0.9% तक टूटे और सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। 

गिरावट के मुख्य कारण...

  1. विदेशी निवेशकों की बिकवाली : विदेशी संस्थागत निवेशकों ने लगातार चार दिनों की खरीदारी के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजारों से 240.10 करोड़ रुपये निकाले। लगातार बिकवाली से घरेलू निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर हुआ। 
  2. एक्सपायरी से जुड़ी वोलैटिलिटी : मंगलवार को निफ्टी से जुड़े फ्यूचर्स और आॅप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स की वीकली एक्सपायरी थी। एक्सपायरी के दिन निवेशक डेरिवेटिव सेगमेंट में पोजिशन स्क्वायर-आफ करते हैं, जिससे इंट्राडे उतार-चढ़ाव बढ़ जाता है। 
  3. इंडिया VIX में बढ़ोतरी : शेयर बाजार में अनिश्चितता का संकेत देने वाला इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स मंगलवार को 3% बढ़कर 11 के स्तर पर पहुंच गया। श्क में बढ़ोतरी का मतलब है कि बाजार में जोखिम और उतार-चढ़ाव का खतरा बढ़ गया है। 
  4. कमजोर ग्लोबल संकेत : एशियाई बाजारों में भी बिकवाली का माहौल रहा। साउथ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स और चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 1% तक टूट गये। जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 3% तक गिरा। अमेरिकी शेयर बाजारों के फ्यूचर्स भी सुबह के कारोबार में 0.5% तक नीचे थे। 
  5. रुपये में कमजोरी : भारतीय रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 9 पैसे गिरकर 88.77 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। डॉलर की मजबूती और विदेशी फंडों की निकासी ने रुपये पर दबाव बढ़ाया। 
  6. क्रूड आयल के दाम में उछाल : अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव मंगलवार को 0.33% बढ़कर 63.53 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। बढ़ती क्रूड कीमतें महंगाई और चालू खाता घाटा बढ़ने की आशंका पैदा करती हैं, जो शेयर बाजार के लिए नेगेटिव है।

Published / 2025-10-08 21:24:43
इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में टाटा मोटर्स सबसे आगे

टाटा मोटर्स ने सितंबर 2024 में 3,833 यूनिट बेची थी 

एबीएन सेंट्रल डेस्क (जम्मू कश्मीर)। सितंबर में इलेक्ट्रिक कारों की खुदरा बिक्री दोगुनी से अधिक हो गयी। आॅटोमोबाइल डीलरों के संगठन एफएडीए ने साझा किये गये आंकड़ों के अनुसार, टाटा मोटर्स 6,216 यूनिट बेचकर सबसे आगे रही। पिछले महीने इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की कुल बिक्री बढ़कर 15,329 इकाई हो गयी, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 6,191 यूनिट थी। 

टाटा मोटर्स ने सितंबर 2024 में 3,833 यूनिट बेची थी, जो इस साल सितंबर में 62 प्रतिशत बढ़कर 6,216 यूनिट हो गयी। जेएसडब्ल्यूएमजी मोटर ने पिछले महीने 3,912 यूनिट बेचीं, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,021 यूनिट से तीन गुना अधिक है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सितंबर में 3,243 यूनिट बेचीं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 475 यूनिट थी। 

बीवीआइडी इंडिया ने इस साल सितंबर में 547 यूनिट बेचीं, किआ इंडिया ने 506, हुंडई 349, बीएमडब्ल्यू 310, जबकि मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने 97 यूनिट बेचीं। इसके अलावा टेस्ला इंडिया ने भी पिछले महीने 64 यूनिट बेचीं। वहीं, सितंबर में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 90,549 यूनिट की तुलना में 15 फीसदी बढ़कर 1,04,220 यूनिट हो गयी। टीवीएस वोटर अग्रणी रही, जिसने 22,509 यूनिट बेचीं। 

पिछले साल इसी अवधि में टीवीएस मोटर ने 18,256 यूनिट बेची थीं। बजाज आटो पिछले महीने बेची गयी 19,580 यूनिट्स के साथ दूसरे स्थान पर रही, जबकि एथर एनर्जी ने 18,141 यूनिट्स की बिक्री के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। ओला इलेक्ट्रिक ने 13,383 इकाइयों की बिक्री के साथ चौथा स्थान हासिल किया, जबकि हीरो मोटोकॉर्प सितंबर में 12,753 इकाइयों की बिक्री के साथ 5वें स्थान पर रही।

Published / 2025-10-03 23:10:47
जानें शेयर बाजार में तेजी के पांच प्रमुख कारण

इन 5 कारणों से अच्छा हुआ शेयर बाजार का मूड

एबीएन बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन इजाफा देखने को मिला है। इन दो दिनों में सेंसेक्स में 900 से ज्यादा अंकों का इजाफा देखने को मिला है। वहीं दूसरी ओर निफ्टी में करीब 280 अंकों की तेजी देखने को मिल चुकी है. इस तेजी की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को 2 दिनों में 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का फायदा हो चुका है।

शेयर बाजार में तेजी के प्रमुण कारण

  1. मेटल शेयरों में खरीदारी: टाटा स्टील में लगभग 3 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई और यह निफ्टी 50 सूचकांक में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला शेयर रहा। यूरोपीय यूनियन द्वारा स्टील इंपोर्ट कोटा आधा करने और उससे अधिक मात्रा पर 50 फीसदी शुल्क लगाने की खबरों के बाद इस क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ी। ब्रोकरेज फर्मों ने कहा कि इसका असर टाटा स्टील और सेल पर सीमित रहेगा, जिनकी निर्यात में 8 प्रतिशत से भी कम हिस्सेदारी है, जबकि टाटा स्टील के नीदरलैंड ऑपरेशन (जो इसके रेवेन्यू में एक-चौथाई का योगदान देता है) को लाभ हो सकता है।
  2. कैपेक्स को बढ़ावा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकास को गति देने के लिए कैपेक्स बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत बढ़ी, जो पिछली पांच तिमाहियों में सबसे तेज़ गति है। ज्यादा खर्च की उम्मीदों ने इंफ्रा और कैपिटल गुड्स के शेयरों को सहारा दिया, जिससे बाज़ार को सहारा मिला।
  3. कच्चे तेल में गिरावट: संभावित अमेरिकी सरकार के बंद होने की चिंताओं और ओपेक+ देशों की सप्लाई बढ़ने की उम्मीदों के चलते ब्रेंट क्रूड की कीमतें लगातार तीसरे दिन गिरकर 16 हफ़्तों के निचले स्तर पर आ गईं। कच्चे तेल की कम कीमतों ने भारत के आयात बिल और महंगाई को लेकर चिंताओं को कम किया है, जो घरेलू शेयर बाजारों के लिए सकारात्मक है।
  4. ग्लोबल इंडिकेटर: एशियाई शेयर बाजारों में मिला-जुला रुख रहा, जापान के निक्केई और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में तेज़ी से बढ़त दर्ज की गई, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक नीचे रहा। वॉल स्ट्रीट पर, गुरुवार को बेंचमार्क सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए, जिन्हें टेक शेयरों और अमेरिका में ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीदों का समर्थन मिला। मजबूत वैश्विक बाजार रुझानों ने भारतीय शेयर बाजारों के लिए जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार किया।
  5. वैल्यू बाइंग: शुरुआती आठ दिनों की गिरावट के बाद, निवेशकों ने वैल्यू बाइंग की, जिससे सूचकांकों को इंट्राडे के निचले स्तर से उबरने में मदद मिली। बुधवार को भी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए।

शेयर बाजार निवेशकों को मोटा फायदा

इस तेजी की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को मोटा मोटा फायदा हुआ है। निवेशकों का फायदा बीएसई के मार्केट कैप से जुड़ी हुई होती हैं। आंकड़ों के अनुसार बुधवार को बीएसई का मार्केट कैप 4,55,34,260.35 करोड़ रुपए था, जो शुक्रवार को बढ़कर 4,57,77,820.86 करोड़ रुपए पर आ गया. इसका मतलब है कि बीएसई के मार्केट कैप में 2.44 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ। यही निवेशकों का भी फायदा है।

Published / 2025-09-26 20:11:10
शेयर बाजार में गिरावट लगातार छठे दिन जारी

  • लगातार छठे दिन गिरा शेयर बाजार, सेंसेक्स 733 अंक टूटा, निफ्टी 24,700 के नीचे

एबीएन बिजनेस डेस्क। 26 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार में लगातार छठे दिन गिरावट देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 733.22 अंक या 0.90 फीसदी गिरकर 80,426.46 पर आ गया। जबकि निफ्टी 236.15 अंक या 0.95 फीसदी टूटकर 24,656.70 पर बंद हुआ।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान और आईटी शेयरों में दबाव ने बाजार की चाल पर नकारात्मक असर डाला। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 2.5 फीसदी तक टूट गए।

शेयर बाजार में गिरावट के चार मुख्य कारण...

शेयर बाजार में गिरावट के चार मुख्य कारण रहे। सबसे पहले, डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान। उन्होंने ब्रांडेड और पेटेंट वाली दवाओं पर 100% टैरिफ, किचन कैबिनेट्स और बाथरूम वैनिटीज पर 50%, गद्देदार फर्नीचर पर 30% और भारी ट्रकों पर 25% टैरिफ लागू करने का ऐलान किया। इस फैसले के बाद भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली।

  1. निफ्टी फार्मा इंडेक्स शुरुआती कारोबार में 2.3 फीसदी तक गिर गया। सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, सिप्ला और बायोकॉन जैसे शेयर 2-5% तक टूट गए।
  2. दूसरी वजह आईटी शेयरों में गिरावट रही। निफ्टी आईटी इंडेक्स शुरुआती कारोबार में 1.3% तक नीचे गया। यह गिरावट अमेरिकी कंपनी एक्सेंचर के तिमाही नतीजों और H-1B वीजा फीस में बढ़ोतरी के बाद आई। इससे भारतीय आईटी कंपनियों की लागत बढ़ने और ग्रोथ अनुमान कमजोर होने की आशंका बढ़ गई।
  3. तीसरी वजह कमजोर ग्लोबल संकेत हैं। ट्रंप के टैरिफ ऐलानों के बाद एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली। जापान का निक्केई 0.13% गिरा, हैंग सेंग 0.9% टूटा, चीन का CSI300 0.3% नीचे आया और MSCI एशिया-पैसिफिक इंडेक्स (Ex-जापान) 1% से अधिक गिरा। अमेरिकी बाजार भी 25 सितंबर को गिरावट के साथ बंद हुए।
  4. चौथी वजह विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली रही। 25 सितंबर को विदेशी निवेशकों ने 4,995 करोड़ रुपए की बिकवाली की, जबकि सितंबर महीने में अब तक कुल 24,454 करोड़ रुपए की निकासी हुई। निवेशक कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ को लेकर चिंतित हैं, जिससे बाजार दबाव में बना हुआ है।

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