एबीएन बिजनेस डेस्क। देशभर में शादियों का सीजन शुरू होते ही सोने-चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। जो सोना कुछ हफ्ते पहले रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था, अब वही तेजी से सस्ता हो रहा है।
बीते 15 दिनों में सोना अपने ऑल टाइम हाई से करीब 12,000 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया है, वहीं चांदी में भी 20,000 रुपये प्रति किलो से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार, पिछले सप्ताह के मुकाबले 24 कैरेट सोना ₹2,620 तक सस्ता हुआ है। यह लगातार दूसरा हफ्ता है जब सोने और चांदी दोनों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है।
क्यों गिर रहे हैं सोने-चांदी के दाम?
जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में सोने की कीमत में और गिरावट संभव है। भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते ट्रेड रिलेशन और वैश्विक स्थिरता से सोने की मांग में कमी आ सकती है।
हालांकि, शादी-ब्याह के सीजन में घरेलू मांग बढ़ने के कारण कीमतों में हल्की तेजी भी आ सकती है। अगर आप शादी के लिए सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह समय काफी फायदेमंद हो सकता है। वहीं निवेशकों के लिए गिरते दाम एक अच्छा मौका हैं, क्योंकि कीमतें स्थिर होने के बाद फिर से बढ़ सकती हैं।
एबीएन बिजनेस डेस्क। एक दिन की मजबूती के बाद भारतीय शेयर बाजारों में फिर से गिरावट आयी है। बुधवार की तेजी के बाद गुरुवार, 30 अक्टूबर को निवेशकों की मुनाफावसूली और विदेशी दबाव से बाजार लाल निशान में खुला।
बीएसई सेंसेक्स 592 अंक फिसल कर 84,404 पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 176 अंक लुढ़कर 25,877 पर बंद हुआ।
एबीएन बिजनेस डेस्क। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तेजी का माहौल बना रहा। बुधवार को सेंसेक्स 368 अंकों की मजबूती के साथ 84,997 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी करीब 117 अंक चढ़कर 26,053 के स्तर पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में भी मिलाजुला रुख देखने को मिला। जापान का निक्केई इंडेक्स 1,030 अंकों (2%) की तेजी के साथ 51,249 पर पहुंच गया। कोरिया का कोस्पी 50 अंक चढ़कर 4,060 पर है। हालांकि हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 87 अंक गिरकर 26,346 पर कारोबार कर रहा है, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 14 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 4,002 पर है।
अमेरिकी बाजारों में सोमवार को सकारात्मक रुझान रहा। डाउ जोन्स 161 अंक बढ़कर 47,706 पर बंद हुआ, नैस्डेक कंपोजिट 190 अंक चढ़कर 23,827 पर पहुंचा, जबकि एस एंड पी 500 मामूली बढ़त के साथ 6,890 पर स्थिर बंद हुआ।
एबीएन बिजनेस डेस्क। त्योहारों की रौनक खत्म होते ही कीमती धातुओं की रफ्तार थम गई है। कुछ ही दिनों में सोना-चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई है, जिसने निवेशकों की नींद उड़ा दी है।
डॉलर की मजबूती और वैश्विक बाजारों में दबाव के चलते सोना लगभग ₹12,000 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹36,000 प्रति किलो तक टूट चुकी है। अब सवाल उठ रहा है क्या यह खरीदारी का मौका है या गिरावट का सिलसिला अभी बाकी है?
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 24 कैरेट सोना ने 17 अक्टूबर को ₹1,30,874 प्रति 10 ग्राम का अब तक का सबसे ऊँचा स्तर छुआ था। लेकिन सिर्फ 12 दिनों में यह ₹1,18,043 पर आ गया यानी कीमत में ₹12,831 की भारी गिरावट।
वहीं चांदी ने 14 अक्टूबर को ₹1,78,100 प्रति किलो का ऑल-टाइम हाई बनाया था, जो अब घटकर ₹1,41,896 रह गया है। यानी लगभग ₹36,204 की भारी गिरावट। निवेशक अब वेट एंड वॉच मोड में हैं, जबकि बाजार में खरीदारी की रफ्तार थमी हुई है।
मंगलवार को भी सोने-चांदी में उतार-चढ़ाव जारी रहा। दोपहर तक 24 कैरेट सोना ₹1,19,164 पर था, जो शाम तक गिरकर ₹1,18,043 पर पहुंच गया।
यानी महज 5 घंटे में ₹1,121 का नुकसान। सोमवार की तुलना में कीमत ₹3,034 कम रही। इसी तरह, चांदी दिनभर में ₹1,504 सस्ती हुई और ₹1,41,896 प्रति किलो पर बंद हुई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी सोना कमजोर दिखा। दिसंबर 2025 एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट में 1.26% की गिरावट आई और कीमत ₹1,19,429 प्रति 10 ग्राम रही।
ट्रेडिंग के दौरान लो लेवल ₹1,17,628 और हाई ₹1,20,106 का रहा। वहीं, चांदी में दिन के आखिर में हल्की रिकवरी दिखी — 0.27% की बढ़त के साथ यह ₹1,43,750 प्रति किलो पर पहुंच गई।
एबीएन बिजनेस डेस्क। दिवाली के मौके पर देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में सोना और चांदी के दामों में तेज गिरावट देखने को मिली। कारोबारी सत्र के दौरान सोने की कीमतें करीब 3% गिर गईं, जबकि चांदी के दाम मिनटों में लगभग ₹9,500 प्रति किलोग्राम तक सस्ते हो गए। विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी में मुनाफा वसूली शुरू हो गई है।
इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार्ता और आने वाले दिनों में फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने भी इस गिरावट में योगदान दिया। फेस्टिव डिमांड कम होने का असर भी कीमतों पर दिखाई दिया।
हिंदुस्तान जिंक के अनुसार, साल के अंत तक चांदी के दाम $54–55 प्रति ओंस तक स्थिर रह सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट मुनाफा वसूली, वैश्विक मार्केट अनिश्चितता और कम फेस्टिव डिमांड की वजह से आई है।
एबीएन बिजनेस डेस्क। कुछ ही हफ्तों पहले तक निवेशकों की आंखों का तारा बनी चांदी अब अचानक फीकी पड़ती नजर आ रही है। ₹1.70 लाख प्रति किलो का रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद अब इसकी कीमत ₹1.53 हजार तक लुढ़क गई है।
यानि करीब 20 हज़ार चांदी सस्ती हो गई है। इसकी वजह अमेरिका-चीन के बीच कम होता व्यापारिक तनाव और बाजार में मुनाफावसूली बताई जा रही है। हालांकि जानकारों की मानें तो यह सिर्फ एक सांस लेने की ब्रेक है - असली रफ्तार अभी बाकी है।
बीते शुक्रवार, 17 अक्टूबर को MCX पर चांदी की फ्यूचर ट्रेडिंग में ₹1,70,415 से गिरकर ₹1,53,700 प्रति किलो तक की बड़ी गिरावट देखने को मिली यानी करीब ₹16,700 की तेज गिरावट। हालांकि दिन के दूसरे हिस्से में हल्की रिकवरी आई और यह ₹1,57,300 तक चढ़ी। सोमवार, 20 अक्टूबर को कीमत मामूली तेजी के साथ ₹1,56,755 पर ट्रेड कर रही थी।
अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में नरमी चांदी की गिरावट की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकारा कि चीन पर लगाया गया 100% टैरिफ स्थायी विकल्प नहीं है, और बीजिंग ने उन्हें यह कदम उठाने को मजबूर किया। इस बयान के बाद ग्लोबल निवेशकों ने सेफ-हेवन डिमांड से दूरी बना ली और मुनाफा वसूली शुरू कर दी।
MCX पर ₹1,70,415 के रिकॉर्ड हाई से गिरकर ₹1,53,700 पर आ गई चांदी
फिलहाल 10% नीचे ट्रेड कर रही है।
Motilal Oswal का अनुमान: यह अस्थायी गिरावट है। ब्रोकरेज फर्म Motilal Oswal का कहना है कि यह गिरावट सिर्फ एक शॉर्ट-टर्म कूल-ऑफ है। रिपोर्ट में कहा गया कि: यह रैली सट्टेबाज़ी नहीं, बल्कि मजबूत औद्योगिक मांग और सप्लाई की सीमाओं पर आधारित है। यह 1980 और 2011 जैसी फुल-स्पेकुलेटिव रैली नहीं है। ब्रोकर हाउस का मानना है कि चांदी अभी स्ट्रक्चरल बुल फेज में है, यानी कीमतों की लंबी अवधि की मजबूती अभी जारी रह सकती है।
एबीएन बिजनेस डेस्क। धनतेरस के शुभ अवसर पर आज रांची के बाजारों में रौनक देखने लायक है। सुबह से ही शहर के प्रमुख बाजारों मेन रोड, लालपुर, अपर बाजार और डोरंडा बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई इस शुभ दिन पर नई चीजें खरीदने के लिए उत्साहित दिखा।
हर साल की तरह इस बार भी धनतेरस पर झाड़ू की मांग सबसे अधिक रही। लोग मानते हैं कि इस दिन झाड़ू खरीदना मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है और घर में समृद्धि लाता है। बाजार में झाड़ू की कीमतें 50 रुपये से लेकर 100 रुपये तक है। धनतेरस के साथ ही लोग लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां खरीदने में भी पीछे नहीं रहे।
दुकानों पर छोटी मूर्तियों की कीमत 30 रुपये से शुरू होकर बड़ी और डिजाइनर मूर्तियों की कीमत 2500 रुपये तक है। कई दुकानों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सुंदर सजावट की गई है। बर्तन की दुकानों पर लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई। स्टील, पीतल और चांदी के बर्तनों की बिक्री पिछले साल की तुलना में इस साल काफी अधिक डिमांड में रही।
साथ ही कई लोग इस शुभ दिन पर नई गाड़ियाँ खरीदते भी नजर आए। ऑटोमोबाइल शोरूमों में भी ग्राहकों की लंबी लाइनें रहीं। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने बाजारों में विशेष सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था की है।जगह-जगह ट्रैफिक पुलिस तैनात रही ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
एबीएन बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग का सत्र जो कि विशेष रूप से दिवाली पर आयोजित किया जाता रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की ओर से जारी एक सर्कुलर के अनुसार मुर्हूत ट्रेडिंग, जो हर साल शाम को आयोजित किया जाता रहा है, इस साल दोपहर में आयोजित होगा। मुर्हूत ट्रेडिंग एक विशेष एक घंटे का प्रतीकात्मक सत्र होता है। यह दिवाली के पर्व पर नए हिंदू कैलेंडर वर्ष (2025 में 2028) की शुरुआत के अवसर पर आयोजित होगा।
ट्रेडिंग कई क्षेत्रों में की जा सकेगी, जिसमें इक्विटी, कमोडिटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, इक्विटी फूयूचर्स एवं ऑपशंन और सिक्योरिटीज लेडिंग और बॉरोइंग मुख्य होंगे।
एनएसई सर्कुलर के अनुसार मुर्हूत ट्रेडिंग जो हर साल शाम को आयोजित किया जाता है, इस साल दोपहर में आयोजित होगा। दिवाली मुर्हूत ट्रेडिंग सत्र 21 अक्तूबर को दोपहर 1:45 बजे से लेकर 2: 45 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें 2:55 बजे तक व्यापार संशोधन करने की अनुमति होगी।
पिछले साल 2024 के त्योहारी मुर्हूत में दोनों सूचकांकों में बढ़त देखने को मिली थी। रिपोर्ट बताती हैं कि इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 335 अंक बढ़कर 79,724 पर पहुंच गया और निफ्टी 50,99 अंक बढ़कर 24,304 पर पहुंच गया। मुर्हूत ट्रेडिंग में पिछले 13 वर्षों में बेंचमार्क सूचकांक हरे निशान पर बंद हुए हैं।
दिवाली के मौके पर भारतीय शेयर बाजार चार दिन बंद रहेंगे। इसमें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों की शेयर बाजार 19, 21 और 22 अक्तूबर को सप्ताहांक के साथ बंद रहेंगे। मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और मुद्रा डेरिवेटिव्स भी त्योहार और सप्ताहांत को मिलकार चार दिन बंद रहेंगे।
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