टीम एबीएन, रांची। झारखण्ड राज्य के सरकारी विश्वविद्यालय और उसके अंगीभूत महाविद्यालयों में सत्र 2005 - 2006 से संचालित बीएड-एमएड कोर्स में कार्यरत प्राध्यापको की आज ऑनलाइन बैठक संघ के संरक्षक प्रो.(डॉ.) तनवीर युनुस और अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार की संयुक्त अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
जिसमें सेवा शर्त नियमावली बनाकर अंगीभुत महाविद्यालयों में संचालित बीएड कोर्स और सरकारी विश्वविद्यालय में संचालित एमएड कोर्स में कार्यरत प्राध्यापकों ने सरकार से सेवा नियमितीकरण हेतु माननीय मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, माननीय विधायक एवं उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक को ज्ञापन सौंपने के साथ - साथ झारखण्ड उच्च न्यायालय के निर्णय और सरकार के चुनाव पूर्व किए गए वादे को स्मरण में लाने हेतु व्यापक अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
साथ ही सभी प्राध्यापको ने पिछले वर्ष बजट सत्र में झारखण्ड विधानसभा माननीय अध्यक्ष महोदय ने सदन में आश्वासन दिया गया था कि सभी सरकारी विश्वविद्यालय और उसके अंगीभूत महाविद्यालयों मे जहां पहले से बीएड और एमएड कोर्स की पढ़ाई चल रही है वहां शिक्षा विभाग की स्थापना होगी और कार्यरत सभी प्राध्यापकों का स्थायीकरण और वेतनमान के लिए उच्चस्तरीय कमिटी बनकर समायोजित किया जाएगा। को भी याद दिलाने का निर्णय लिया।
संघ के संरक्षक प्रो.(डॉ.)तनवीर यूनुस ने कहा कि आज 19 वर्ष पूरा होने जाने के बावजूद सरकार बीएड और एमएड कोर्स के शिक्षकों को सरकार केवल आश्वासन ही दे रही है जबकि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों मे दस वर्ष में ही विभाग को नियमित कर स्थायीकरण करने की प्रक्रिया नियमित रूप से की जा रही है।
संघ के अध्यक्ष प्रो. मनोज कुमार ने कहा कि जनवरी में माननीय उच्च न्यायालय का निर्णय और निर्देश झारखण्ड के सभी संविदा पर कार्यरत लोगो के स्थायीकरण और नियमितीकरण के संदर्भ में मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुआ है जिसमे स्पष्ट निर्देश है की संबंधित विभाग को मांग पत्र दिया जाना चाहिए इस हेतू उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को एक सप्ताह के अंदर तीन सरकारी विश्वविद्यालय मे संचालित एमएड और 22 कॉलेजों में संचालित बीएड कोर्स के शिक्षक मिलकर यथाशीघ्र ज्ञापन सौंपने का कार्य संघ के माध्यम से करेंगे।
संघ के महासचिव डॉ. सचिन कुमार ने कहा कि सरकार को तत्काल बढ़ती महंगाई और कैरियर को देखते हुए यूजीसी ग्रेड-पे के अनुसार एक सामन मानदेय राज्य सरकार को देना चाहिए एक ही राज्य में एक ही कोर्स में अलग अलग मानदेय दिया जाना एक प्रकार का आर्थिक शोषण है इस विसंगति को दूर किया जाना चाहिए।
संघ के उपाध्यक्ष डॉ. रंजित कुमार सिंह ने कहा कि स्थायीकरण से पूर्व एक समान मानदेय का निर्धारण जिस प्रकार घंटी आधारित सहायक प्राध्यापक का उच्च शिक्षा विभाग के स्तर से हुआ है उसी प्रकार जबतक बीएड और एमएड कोर्स के लिए भी उच्च शिक्षा विभाग से संकल्प पत्र जारी होने पर ही इस विसंगति से मुक्ति मिल सकेगी इसके लिए एक मांग पत्र उच्च शिक्षा के प्रधान सचिव और निदेशक महोदय को देने का सुझाव दिया गया।
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ संजय भुईयां ने भी सभी विभागों में जिस प्रकार संविदा कर्मियों को स्थाई किया जा रहा है उसी प्रकार बीएड और एमएड में कार्यरत प्राध्यापको की सेवा स्थायीकरण हेतु सरकार को निर्णय लेना चाहिए। अब तक प्रदेश के चार शिक्षक दिवगंत हो चुके है और किसी के परिवार और बच्चों को किसी भी प्रकार की सहायता न तो विश्वविद्यालय और न ही राज्य सरकार से प्राप्त हुई है। इसलिए सभी विश्वविद्यालय में पारा शिक्षकों के तर्ज पर कल्याण कोष गठन करने के लिए ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया।
इस बैठक में कोल्हान विश्वविद्यालय के
डॉ. सुचित्रा बेहरा, डॉ.मनोज कुमार, जमशेदपुर विमेंस युनिवर्सिटी से प्रो संजय भुइयां,प्रभात कुमार महतो, डॉ.अरुणिमा सिंह, डॉ.मनीषा कुमारी सिंह, सोनी कुमारी,डॉ.स्वेता प्रति कुजूर, द ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फॉर विमेन से डॉ.विशेश्वर यादव प्रो. प्रति सिंह एवं गीता महतो, डोरंडा कॉलेज,रांची से डॉ. मनोज कुमार, डॉ.के के रवि, डॉ.ओम प्रकाश विनोबा भावे विश्वविद्यालय से डॉ सुनीता बंकिरा, डॉ शमशाद आलम, प्रो.(डॉ.) तनवीर यूनुस नीलांबर पीताम्बर विश्वविद्यालय पलामू से डॉ.सुरेंद्र कुमार, डॉ.मनीष कुमार प्रो मनीष कुमार सहित सैकड़ों प्राध्यापको ने भाग लिया।
टीम एबीएन, रांची। बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, एमईएसआरए के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग ने ओडीआईए भाषा में एआई और इसके आयाम पर 3 दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया है। यह कार्यक्रम उड़िया भाषा के माध्यम से मशीन लर्निंग की आधुनिक तकनीकों के बारे में संकाय सदस्यों, पीएचडी विद्वानों और विभिन्न स्ट्रीम के शोध छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए एआईसीटीई-वाणी भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है।
यह सेमिनार एआई और उसके अनुप्रयोग के विभिन्न आयामों पर दिया गया है। सेमिनार में एआई पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो प्रतिनिधित्व सीखने के साथ कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क पर आधारित मशीन सीखने के तरीकों का एक व्यापक परिवार है।
गहरे तंत्रिका नेटवर्क, गहरे विश्वास नेटवर्क, आवर्ती तंत्रिका नेटवर्क और दृढ़ तंत्रिका नेटवर्क जैसे एआई आर्किटेक्चर को कंप्यूटर विज़न, मशीन विज़न, वाक् पहचान, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण, ऑडियो पहचान, सोशल नेटवर्क फ़िल्टरिंग सहित क्षेत्रों में लागू किया गया हैमशीनी अनुवाद, जैव सूचना विज्ञान, दवा डिजाइन, चिकित्सा छवि विश्लेषण, सामग्री निरीक्षण और बोर्ड गेम कार्यक्रम।
आजकल एआई एक आधुनिक, व्यावहारिक अनुप्रयोग और अनुकूलित कार्यान्वयन है, जबकि हल्के परिस्थितियों में सैद्धांतिक सार्वभौमिकता बरकरार रखता है। इस सेमिनार में 12 सत्रों में इस क्षेत्र में आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी और आईएसआई-बैंगलोर और बीआईटी-एमईएसआरए के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ भाषण देंगे।
यह सेमिनार संकायों को विषय विशेषज्ञ के साथ बातचीत करने और यह जानने के लिए एक मंच प्रदान करेगा कि वे बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी आरामदायक भाषा के माध्यम से वास्तविक वातावरण में मशीनों की प्रोग्रामिंग कैसे कर रहे हैं। चूँकि लोग अपनी मातृभाषा में अधिक अभिव्यंजक होते हैं, जो इस सेमिनार का मूलमंत्र है।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. के.के.सेनापति ने बताया कि एआई दुनिया पर राज कर सकता है लेकिन मानव का प्रतिस्थापन नहीं कर सकता। इस सेमिनार का उद्घाटन पूर्व. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के प्रोफेसर (डॉ.) रत्न के. घोष, बीआईटी, एमईएसआरए के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) की उपस्थिति मेंसुप्रतिम बिस्वास. झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 61 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया और सेमिनार में भाग लिया और अध्यक्ष के साथ बातचीत की।
आशा है कि यह कार्यशाला एआई और इसके आयाम पर कुछ प्रकाश डालेगी और मेंटर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखेगी, जो बाद में इन कौशलों को अपनी मातृभाषा के साथ अपने क्षेत्रों में साझा करेंगे। यह भारतीय भाषाओं की उन्नति और पोषण के लिए वाइब्रेंट एडवोकेसी से संबंधित भारत सरकार का एक बहुत ही नया और अभिनव कार्यक्रम है।
टीम एबीएन, रांची। गिरिडीह में अभियंता कॉलेज के निर्माण को लेकर बीते बुधवार की देर शाम न्यू समाहरणालय में महत्पूर्ण बैठक हुई। बैठक में डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन के साथ सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और झामुमो अध्यक्ष संजय सिंह भी शामिल हुए। इस दौरान बैठक में चर्चा के दौरान कहा गया कि राज्य सरकार ने अभियंता कॉलेज निर्माण को स्वीकृति दी है।
बैठक में कहा गया कि तीन सौ 60 छात्रों के साथ कॉलेज का निर्माण शुरू किया जाएगा। जबकि हर सत्र में बारह सौ छात्रों के कोर्स पूरा होने की बात कही गयी। बैठक में कहा गया कि पचंबा के जरीडीह मौजा में शुरू किया जायेगा, जिसमें बॉयज और गर्ल्स दोनों छात्रों की सुविधा उपलब्ध होगी।
बैठक में कहा गया कि मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल के कोर्स पूरे कराये जायेंगे। गांडेय विधायक कल्पना और सदर विधायक सोनू ने कहा कि कॉलेज में फैकल्टी की सही व्यवस्था रहेगी और अत्याधुनिक क्लॉस रुम होंगे। प्रयास होगा कि अभियंता का कोर्स करने वाले छात्रों को गिरिडीह से बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़े। वहीं, इससे पहले डीसी ने गांडेय विधायक कल्पना सोरेन का स्वागत बुके देकर किया।
टीम एबीएन, रांची। सोमवार को बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा के प्रबंधन विभाग ने बहुप्रतीक्षित उद्गम 2024 का आयोजन किया, जो एमबीए बैच 2024-2026 के लिए एक रोमांचक शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक था। यह कार्यक्रम सूचनात्मक चर्चाओं, प्रेरणादायक भाषणों और नये छात्रों के लिए एक गर्मजोशी भरे स्वागत का सम्मिश्रण था।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जो अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान और बुद्धिमत्ता के आगमन का प्रतीक है। इस समारोह का नेतृत्व सम्मानित संकाय सदस्यों, जिनमें डॉ. उत्पल बौल, डॉ. भास्कर कर्ण, डॉ. शारदा सिवानी और डॉ. सोलंकी शामिल थे, ने किया। डॉ. बौल के संबोधन ने छात्रों को करियर उन्नति रणनीतियों और प्रबंधन के गतिशील क्षेत्र में अवसरों को पहचानने के महत्व के बारे में जागरूक किया।
मुख्य भाषण संजीव कुमार चौधरी द्वारा दिया गया, जो एमबीए बैच 1992-1996 के एक प्रतिष्ठित पूर्व छात्र हैं। बिहार में तेल उद्योग के पूर्व पदेन अधिकारी और आईओसीएल में उत्तर पूर्व क्षेत्र के उप महाप्रबंधक और मुख्य महाप्रबंधक (खुदरा बिक्री) के रूप में सेवा करने के व्यापक अनुभव के साथ, चौधरी ने उद्योग में बदलाव के कारकों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की।
उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र को प्रभावित करने वाले भू-राजनीतिक कारकों पर जोर दिया और कोयले और जीवाश्म ईंधनों से स्वच्छ ऊर्जा समाधानों की ओर संक्रमण को रेखांकित किया। उन्होंने बैटरी प्रौद्योगिकी में आईओसीएल के उपक्रमों के बारे में भी बात की, इसे अगले दो दशकों में परिवहन के भविष्य के रूप में प्रस्तुत किया। श्री चौधरी ने वास्तविक समय की अंतर्दृष्टि प्रदान करने में डेटा एनालिटिक्स के महत्व को रेखांकित किया, जो रणनीतिक निर्णय लेने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में एमबीए बैच 2020-2022 की एक प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा सुश्री निकिता झा को भी आमंत्रित किया गया। सुश्री झा, जो वर्तमान में शाओमी में वरिष्ठ विशेषज्ञ (सेवा और संचालन) के रूप में कार्यरत हैं, को अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को विकास के अवसरों के रूप में चुनौतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। एक छात्र से एक सफल पेशेवर बनने की उनकी प्रेरक यात्रा ने नए बैच के साथ गूंज पैदा की, जिससे उन्हें उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में छात्रों के बीच परिचय को सुविधाजनक बनाने, सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने और सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इंटरएक्टिव सत्र शामिल थे। इस कार्यक्रम ने छात्रों को संकाय, पूर्व छात्रों और साथियों के साथ जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान किया, जिससे आगामी शैक्षणिक वर्ष के लिए एक जीवंत और आकर्षक वातावरण तैयार हुआ। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा के प्रबंधन विभाग के सभी छात्र निकाय क्लबों ने अपने अध्यक्षों के साथ नए बैच का परिचय दिया। उन्होंने अपनी भूमिकाओं और क्लब की गतिविधियों के प्रभाव को उजागर किया।
क्लब के सदस्यों ने क्लबों में शामिल होने और विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के महत्व पर जोर दिया ताकि कौशल को बढ़ावा दिया जा सके, नेटवर्क बनाया जा सके और समग्र कॉलेज अनुभव को समृद्ध किया जा सके।
लालपुर कैंपस के संकाय सदस्य अभय कुमार श्रीवास्तव, जो अब मेसरा में हैं, ने छात्रों को करियर मार्गदर्शन पर संबोधित किया। पूर्व छात्र वक्ता डॉ. शादाब हसन ने छात्रों को भाषा दक्षता बढ़ाने, उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने, प्रभावी ढंग से सहयोग करने और अच्छी तरह से प्रशिक्षण लेने जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में मार्गदर्शन दिया।
उन्होंने छात्रों को अपनी ताकत मजबूत करने, धैर्य रखने और उन कारकों को विकसित करने की सलाह दी जो उनके करियर में मदद कर सकते हैं। कार्यक्रम का समापन विभागाध्यक्ष, डीन, छात्र मामलों के डीन (डोसा), सभी वक्ताओं और अतिथियों और उन सदस्यों और छात्रों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ जिन्होंने इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम की सफलतापूर्वक पूर्णता में योगदान दिया।
टीम एबीएन, रांची। आज दिनांक 2 अगस्त को बी आई टी मेसरा लालपुर के तत्वावधान में सुरक्षा व्यवस्था में तैनात जी- 4 ग्रुप के सुरक्षा अधिकारी के सहयोग से अग्नि शामन और हमारी जिम्मेदारी विषय पर आयोजित कार्यक्रम कराया गया। इसमें मुख्य रूप से संस्थान के प्रभारी डॉ प्रणव कुमार उपस्थित हुए।
उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी शिक्षकों और कर्मचारियों और सुरक्षा व्यवस्था पर लगे प्रहरियों को आग लगने पर उसके बचाव के तरीके के साथ उसमें उपयोग होने वाले वस्तुओं का प्रयोग करने और उससे बचने के तरीकों को अपने अनुभव से बताया। उन्होंने बताया कि अग्नि लगने के बाद हम किस प्रकार उससे अपने को और अपने आसपास में होने वाले अग्निकांड से बच सकते हैं क्योंकि थोड़ी-थोड़ी लापरवाही बरतने के कारण ही बड़ी घटना होती है।
आज का कार्यक्रम इसीलिए संस्थान ने आयोजित किया है। संस्थान के सहायक कुल सचिव मनोज कुमार गिरि ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी कर्मचारियों और शिक्षकों को बताया कि आग लगने से हम अपने को शांतिपूर्ण ढंग से उसको बुझाने के बारे में सोचे बगैर हम हड़बड़ी में उन वस्तुओं का प्रयोग कर लेते हैं, जो अग्नि को और तेज कर भारी नुकसान पहुंचा देता है।
आज के इस कार्यक्रम में अग्निश्मन के प्रशिक्षित सुरक्षा अधिकारियों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो आपको इस प्रकार की दुर्घटना से बचाने में आपके घर में लगे छोटे से बड़े दुर्घटना से बचने में आपको सहयोग करेगा। साथ ही हम अपने आसपास या घर कार्यालय में अग्नि कांड के होने से खुद को आग बुझाने में सामर्थ बन सकेंगे।
आज के कार्यक्रम में अग्निश्मन विशेषज्ञ विशाल शर्मा और पंकज कुमार ने प्रत्यक्ष रूप से अग्नि से सामना करते हुए सभी को अग्निश्मन में उपयोग होने वाले वस्तुओं का प्रयोग कर दिखाया।
एबीएन कैरियर डेस्क। जेवियर इंस्टीट्यूट आफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस), रांची और रूरल मैनेजमेंट कार्यक्रम ने अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप और समर स्कूल कार्यक्रमों में शामिल हुए तीन छात्रों का एक अनुभव साझा करने का सत्र संस्थान में आयोजित किया। ये तीन छात्र शाश्वत कुमार, संजीवनी रे और भव्या हैं, जिन्होंने अप्रैल से जून 2024 तक अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप और समर स्कूल कार्यक्रमों में भाग लिया था।
रूरल मैनेजमेंट कार्यक्रम के प्रमुख, डॉ अनंत कुमार ने छात्रों को बेल्जियम के एंटवर्प विश्वविद्यालय के साथ संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप और समर स्कूल कार्यक्रमों के साथ-साथ अन्य विनिमय कार्यक्रमों और आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए नए चयन मानदंडों के बारे में जानकारी देकर सत्र की शुरूआत की। सत्र का उद्देश्य दर्शकों को विदेश में अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप और समर स्कूल कार्यक्रमों के दौरान छात्रों की सीख और अनुभवों के बारे में जानकारी प्रदान करना था।
शाश्वत कुमार ने ब्रसेल्स में एक गैर सरकारी संगठन 11.11.11 में प्राकृतिक संसाधन विभाग में एक अधिकारी के रूप में इंटर्नशिप की, जबकि संजीवनी रे ने अंतर्राष्ट्रीय शांति सूचना सेवा में एक शोध और संचार प्रशिक्षु के रूप में काम किया। लोवेन में, भव्या ने यूरोपीय राजनीति और संस्कृति पर कक्षाओं में भाग लिया, जबकि एंटवर्प विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम का विषय सतत शहर था।
इन कार्यक्रमों ने उनकी शैक्षणिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित किया, जो वैश्विक परिद्वेश्य में मूल्यवान वास्तविक दुनिया की समझ और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है। उन्होंने सभी छात्रों से अपने अकादमिक क्षितिज का विस्तार करने, स्किलसेटको बढ़ाने और एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य को विकसित करने के बारे में विस्तार से बताया जो निस्संदेह उनके भविष्य के करियर को आकार देगा। इस अनुभव साझाकरण सत्र का संचालन दूसरे वर्ष की स्मिता सरकार ने किया, जिसका समापन प्रश्नोत्तर दौर के साथ हुआ, जिसके बाद पहले वर्ष के मानव राज ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
टीम एबीएन, रांची। डीएवी कपिल देव में आज प्रतिभा सम्मान सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वर्ग दस और बारह की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पासबा के राज्य स्तरीय अध्यक्ष श्री आलोक दुबे ने पुरस्कृत किया। साथ ही कल ही संपन्न हुए क्लस्टर स्तरीय क्रिकेट और कुश्ती प्रतियोगिता के विजेताओं को मेडल और कप देकर पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री एम के सिन्हा ने पासबा के अध्यक्ष श्री आलोक दुबे और उनकी टीम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और आलोक दुबे के नेतृत्व में पासबा वर्ग दस और बारह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत करता रहा है। इस वर्ष डीएवी कपिल देव के बच्चे सम्मान समारोह में उपस्थित नहीं हो पाये थे। इसलिए पासबा आज उन्हें विद्यालय के प्रांगण में ही पुरस्कृत कर रहा है।
सिन्हा ने पासबा के राज्य अध्यक्ष आलोक दुबे के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उनका परिचय कराया। प्राचार्य ने कल डीएवी कपिलदेव की ओर से खेले गये क्रिकेट मैच के फाइनल में अंतिम गेंद पर चौका लगाकर जीत दिलाने वाले छात्र ओम मिश्रा की बहुत तारीफ की।
प्राचार्य ने कहा कि व्यक्ति को अंतिम समय तक भी प्रयास नहीं छोड़ना चाहिए। उल्लेखनीय है कि क्लस्टर स्तरीय प्रतियोगिता में डीएवी कपिल देव ने क्रिकेट के अंडर 14,17 और 19 तीनों ही ग्रुप में जीत हासिल कर चैंपियनशिप हासिल की है।
पासबा के अध्यक्ष आलोक दुबे ने इस अवसर पर कहा कि हमारे पास अवसर हैं तो चुनौतियां भी हैं ।उन चुनौतियों का डटकर सामना करना चाहिए। उन्होंने विद्यालय और विद्यालय के प्राचार्य एम के सिन्हा की तारीफ करते हुए कहा कि डीएवी कपिलदेव ने अपना अच्छा स्थान बना लिया है और इसे बरकरार रखने की जरुरत है। उक्त जानकारी डीएवी कपिलदेव पब्लिक स्कूल कडरू, रांची के आलोक इंद्र गुरु ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।
टीम एबीएन, रांची। शाश्वत इंस्टिट्यूट आफ टीचर्स एडुकेशन, हुटुप, इरबा में सत्र- 2022-2024 के प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को सत्र- 2023-2025 के प्रशिक्षु छात्र -छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम कर महाविद्यालय में फेयरवेल दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि संजय कुमार सिन्हा के द्वारा दीप प्रज्वलन कर एवं स्वागत सम्बोधन महाविद्यालय के उप प्राचार्य रुपेश कुमार ने किया।
मिस और मिस्टर फेयरवेल का चुनाव खेल एवं बौद्धिक क्षमता के तहत महाविद्यालय के उप प्राचार्य रुपेश कुमार एवं सहायक व्यख्याता ममता कुमारी के द्वारा अवलोकन कर मिस्टर फेयरवेल रवि रौशन कुजूर और मिस फेयरवेल दीपशिखा लकड़ा को चुना गया।
वेल ड्रेस के खिताब से प्रिया शैली, पॉल एक्का एवं दीपक कुमार को नवाजा गया। मौके पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तरकर्मी नागेंद्र कुमार, डॉ अंजली कुमारी, डॉ रश्मिरति, डॉ बिनीता कुमारी, अपर्णा कुमारी मिश्रा एवं रोहित कुमार सिंह मौजूद थे।
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