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Published / 2025-12-03 21:09:07
एसआर डीएवी पुंदाग के विद्यार्थी पुरस्कृत

एबीएन कैरियर डेस्क। एसआर डीएवी पब्लिक स्कूल, पुंदाग के 18 बहुमुखी प्रतिभा के धनी विद्यार्थियों को पीएनबी मेट लाइफ इंश्योरेंस तथा रॉयल इंश्योरेंस के द्वारा  पुरस्कृत किया गया। 

उपर्युक्त संस्थाओं के तत्वावधान में आयोजित चित्रांकन प्रतियोगिता में  भाग लेते हुए कक्षा द्वितीय से सप्तम तक के विद्यार्थियों ने  सुंदर-सुंदर चित्र उकेर कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। 

 विद्यालय के प्राचार्य डॉ तापस घोष ने सभी विजयी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं संप्रेषित हुए कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों पर विद्यालय परिवार को गर्व है। वर्तमान समय में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लेना अति आवश्यक है।इससे विद्यार्थियों की प्रतिभा दिनोंदिन निखरती जायेगी।

Published / 2025-12-02 20:58:20
विद्यार्थी विज्ञान मंथन में एसआर डीएवी पुंदाग के 11 विद्यार्थियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन

एबीएन कैरियर डेस्क। विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) भारत का सबसे बड़ा विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा है, जो कक्षा छठी से 11वीं तक के स्कूल विद्यार्थियों के लिए है। इसका उद्देश्य छात्र समुदाय में वैज्ञानिक क्षमता वाले होनहार मस्तिष्कों की पहचान करना है। वीवीएम विज्ञान भारती (विभा) की एक पहल है, जिसे एनसीईआरटी और एनसीएसएम के सहयोग से, शिक्षा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत संचालित किया जाता है। 

विद्यार्थी विज्ञान मंथन के राष्ट्रीय (हिमालयन) और क्षेत्रीय विजेताओं को भारतीय राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं या प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे आईआईटी, डीआरडीओ, इसरो आदि में 1 से 3 सप्ताह की व्यापक प्रशिक्षण तथा इंटर्नशिप का अवसर प्राप्त होगा। श्रीजन मेंटरशिप कार्यक्रम के दौरान छात्रों को कुछ प्रोजेक्ट/गतिविधियां दी जाएंगी, जिन्हें सफलतापूर्वक पूरा करना होगा। 

एसआर डीएवी पुंदाग के ग्यारह विद्यार्थियों  ने अपनी मेहनत, समर्पण और वैज्ञानिक भावना के बल पर वीवीएम परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके विद्यालय का मान बढ़ाया। ये दस विद्यार्थी झारखंड राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) 2025-26 के राज्य स्तरीय शिविर में भाग लेने के लिए चयनित हुए हैं, जिन्होंने स्तर 1 और स्तर 2 की परीक्षा उत्तीर्ण की है। इन विद्यार्थियों के नाम जैनब अली, आद्या तिवारी, मोहम्मद नसर, यज्ञ कल्याण, कनिष्क पाण्डेय, हर्षित पाठक, अभिनव कुमार कुशवाहा, कुमारी सृष्टि पाठक, शौर्य कुमार सिंह, अदिति कुमारी तथा तन्मय कुमार हैं। 

प्राचार्य डॉ तापस घोष ने सभी विजयी, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उनके उल्लेखनीय सफलता पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसे विद्यार्थियों पर विद्यालय परिवार को गर्व है। ये विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों के लिए  भी प्रेरणा स्रोत का काम करेंगे, ताकि वे भी विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ें। उन्होंने उम्मीद जतायी कि वे राज्य स्तर पर भी शानदार प्रदर्शन करके सफलता के परचम लहरायेंगे।

Published / 2025-12-01 18:49:37
नेताजी एकेडमी होचर में गीता जयंती सह शौर्य दिवस हर्सोउल्हास के साथ मना

  • जीवन, योग, भक्ति, कर्म, ज्ञान और धर्म के सर्वोच्च सिद्धांत है श्रीमद्भागवत गीता : डॉ बिरेन्द्र साहु 
  • आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक शौर्य का प्रतीक है भव्य, दिव्य व अलौकिक श्रीराममंदिर : डॉ बिरेन्द्र साहु 

टीम एबीएन, रांची। नेताजी एकेडमी उच्च विद्यालय, कांके, रांची के सभागार में आज पूर्वाहन 10:30 बजे मोक्षदा एकादशी के पावन दिवस पर गीता जयंती सह शौर्य दिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गीताजी एवं भगवान श्री कृष्ण के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पूजा अर्चना  कर किया गया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ बिरेन्द्र साहु ने कहा भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध के प्रारम्भ होने से पहले रणक्षेत्र में अर्जुन को भगवद्गीता का उपदेश दिये थे। जब महाभारत युद्ध प्रारंभ होने जा रहा था तब अर्जुन अपने बंधु-बांधवों, गुरुओं और परिजनों को सामने देखकर विचलित हो गए। युद्ध से पीछे हटने की उनकी इच्छा देखकर भगवान श्रीकृष्ण ने जीवन, योग, भक्ति, कर्म, ज्ञान और धर्म के सर्वोच्च सिद्धांत बताए।

डॉ साहु ने कहा गीताजी हमें मानवता को धर्म, कर्तव्य और मुक्ति के मार्ग का चिरस्थायी प्रकाश देता है। भगवान श्री कृष्ण ने कर्तव्यनिष्ट धर्म और अध्यात्म के बीच संतुलन का संदेश, जीवन के प्रत्येक कार्य को निष्काम भाव से करने की प्रेरणा, सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय में समभाव रखने की शिक्षा, आत्मा की अमरता एवं जन्म-मरण के सिद्धांत,भक्ति एवं ईश्वर-समर्पण के भाव के साथ-साथ तनाव, दुःख, भ्रम और निर्णयहीनता दूर करने का प्रभावी मार्ग बताये थे। 

डॉ साहु ने कहा कि वर्तमान कालखंड में  भगवान पुरुषोत्तम श्रीरामललाजी का अयोध्या स्थित पुण्य जन्मस्थली में भव्य, दिव्य व अलौकिक मंदिर का निर्माण हम सनातनी हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक शौर्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा जब-जब धर्म की हानि होता है तब तब हर युग में  महामानव के रूप में भगवान का प्रादुर्भाव होता है, जिनके प्रभावी कर्मों से प्रेरणा पाकर मानव अमृत्व को प्राप्त कर लेता है।

कार्यक्रम में सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने गीता जयंती पर प्रकाश डालें। कार्यक्रम का समापन सामूहिक आरती के साथ हुआ। इस अवसर पर शिव प्रसाद साहू, सुजीत उपाध्याय, मनीष साहू रामकिश्वर साहू, उर्मिला केरकेट्टा, अनु देवी, सुनीता मुंडा, विजय उरांव,चंदन सिंह, कुसुम टोप्पो, रिंकी देवी सहित सैकड़ो बच्चे उपस्थित थे। उक्त जानकारी विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ बिरेन्द्र साहु (70335 41040) ने दी। 

Published / 2025-11-29 18:47:57
झारखंड उत्पाद सिपाही परीक्षा में 1,48,054 अभ्यर्थी सफल

  • झारखंड उत्पाद सिपाही परीक्षा का रिजल्ट जारी, 1,48,054 अभ्यर्थी हुए सफल

एबीएन कैरियर डेस्क। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने उत्पाद सिपाही परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस परीक्षा में कुल 1,48,054 अभ्यर्थी पास हुए हैं। वहीं, 84 अभ्यर्थियों का परिणाम तकनीकी कारणों से फिलहाल रोका गया है। उम्मीदवार अपना रिजल्ट JSSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं।

उत्पाद सिपाही के 583 पदों के लिए 2023 में आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इसके बाद 20 अगस्त से 20 सितंबर 2024 तक पीईटी (फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट) आयोजित की गई थी। परीक्षा परिणाम सात चयन बोर्डों की रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया है।

परीक्षा के दौरान कुछ अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ने और मौत जैसी घटनाओं के बाद सरकार ने दौड़ की दूरी और समय से जुड़े नियमों में बदलाव किया था, ताकि उम्मीदवारों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जा सके।

Published / 2025-11-27 18:29:19
जैक बोर्ड : तीन फरवरी से होंगे 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं

2026 के झारखंड बोर्ड 10वीं और 12वीं की डेटशीट जारी, तीन फरवरी से होंगे एग्जाम; देखें पूरा शेडयूल 

टीम एबीएन, रांची। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने 2026 की बोर्ड परीक्षाओं का पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया है। जारी की गयी जैक 10वीं और 12वीं डेटशीट 2026 में लिखित परीक्षा और प्रैक्टिकल दोनों परीक्षाओं की समय-सीमा शामिल है। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, झारखंड बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं 3 फरवरी 2026 से शुरू होंगी और इन्हें दो अलग-अलग चरणों में आयोजित किया जायेगा। 

बोर्ड परीक्षाएं कक्षा 10 (मैट्रिक) के लिए 3 फरवरी से 17 फरवरी 2026 तक और कक्षा 12 (इंटरमीडिएट) के लिए 3 फरवरी से 23 फरवरी 2026 तक आयोजित की जायेंगी। मैट्रिक परीक्षाएं सुबह 9:45 बजे से दोपहर 1 बजे तक पहली पाली में आयोजित होंगी, जबकि इंटरमीडिएट परीक्षाएं दोपहर 2 बजे से शाम 5:15 बजे तक दूसरी पाली में होंगी। 

छात्र अपना प्रवेश पत्र समय पर डाउनलोड कर सकते हैं। कक्षा 10 के लिए 16 जनवरी 2026 से और कक्षा 12 के लिए 17 जनवरी 2026 से। दोनों कक्षाओं के लिए आंतरिक मूल्यांकन और प्रैक्टिकल परीक्षाएं 24 फरवरी से 7 मार्च 2026 तक संबंधित स्कूलों में आयोजित की जायेंगी। 

10वीं का परीक्षा कार्यक्रम 

  • तारीख  विषय 
  • 3 फरवरी व्यावसायिक विषय 
  • 4 फरवरी हिन्दी 
  • 5 फरवरी वाणिज्य/संस्कृत 
  • 6 फरवरी उर्दू/ बांग्ला/ उड़िया 
  • 7 फरवरी सामाजिक विज्ञान 
  • 8 फरवरी विज्ञान 
  • 9 फरवरी अंग्रेजी 
  • 10 फरवरी संगीत 
  • 11 फरवरी गणित 
  • 13-14 फरवरी क्षेत्रीय भाषाएं, खड़िया, खोरठा, कुमार्ली, नगपुरी, पंचपरगनिया 
  • 16 फरवरी संस्कृत 
  • 17 फरवरी अरबी/ फारसी/ संथाली/ मुंडारी/ उरांव 
  • 18 फरवरी हिन्दी अ एवं अंग्रेजी अ 
  • 20 फरवरी अनिवार्य कोर भाषा 
  • 23 फरवरी हिन्दी इ व मातृभाषा 

12वीं का परीक्षा कार्यक्रम 

  • तारीख  विषय 
  • 3 फरवरी व्यावसायिक विषय 
  • 4 फरवरी अर्थशास्त्र, मानव विज्ञान 
  • 5 फरवरी गणित/ सांख्यिकी, व्यापार अध्ययन, लेखा 
  • 6 फरवरी भौतिकी 
  • 9 फरवरी जीवविज्ञान, बिजनेस स्टडीज, समाजशास्त्र 
  • 10 फरवरी भूविज्ञान, बिजनेस मैथ्स, भूगोल 
  • 11 फरवरी उद्यमिता, गृह विज्ञान 
  • 13 फरवरी दर्शनशास्त्र, रसायन 
  • 14 फरवरी इतिहास 
  • 16 फरवरी राजनीतिक विज्ञान 
  • 17 फरवरी मनोविज्ञान, कंप्यूटर साइंस 
  • 18 फरवरी अनिवार्य कोर भाषा 
  • 20 फरवरी संगीत 
  • 21 फरवरी ऐच्छिक भाषा 
  • 22 फरवरी अतिरिक्त भाषा 
  • 23 फरवरी अनिवार्य कोर भाषा (हिन्दी-अ, अंग्रेजी-अ)

Published / 2025-11-26 22:58:09
क्या एआई छीन लेगी पत्रकारों की नौकरी?

  • क्या एआई छीन लेगी पत्रकारों की नौकरी? 
  • रिपोर्टर बनाम रोबोट की जंग तेज! दुनियाभर में एआई से रोजगार पर खतरे की चर्चा होने से बहुत पहले ही तकनीकी बदलाव, युद्धोत्तर वैश्विक विनिर्माण में उछाल के बाद से ही रोजगार को कम करता रहा है

एबीएन कैरियर डेस्क। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण बड़ी संख्या में रोजगार खत्म होने का खतरा भयावह वास्तविकता लग रहा है, खासकर जब आप बड़ी टेक कंपनियों, बैंकिंग, बीमा, उच्च-स्तरीय विनिर्माण और यहां तक कि पर्यटन एवं होटल उद्योगों में छंटनी और नियुक्तियों में मंदी की रफ्तार पर गौर करते हैं। 

बदलाव की इस तेज गति ने दुनिया को चौंका दिया है। वैसे दुनियाभर में एआई से रोजगार पर खतरे की चर्चा होने से बहुत पहले ही तकनीकी बदलाव, युद्धोत्तर वैश्विक विनिर्माण में उछाल के बाद से ही रोजगार को कम करता रहा है। अंतर यह था कि पहले बदलाव की गति अपेक्षाकृत धीमी थी। यह आईटी क्षेत्र ही था जिसने परिवर्तन की गति को तेज किया। जिस उद्योग में यह अखबार काम करता है वह इसका एक उदाहरण है। 

कम से कम एक सदी तक दुनिया भर में अखबारों के पन्ने हॉट मेटल प्रेस में छापे जाते थे, जिसके लिए मेटल स्लग को उल्टा पढ़ने में एक अनूठे स्तर के उप-संपादकीय कौशल की आवश्यकता होती थी। पश्चिमी देशों में यह तकनीक 1960 और 1980 के दशक के बीच धीरे-धीरे समाप्त हो गई (न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह बदलाव 1978 में ही किया)। भारत ने 1980 के दशक की शुरूआत से मध्य तक इस चरण में प्रवेश किया, जब हॉट मेटल की जगह कोल्ड प्रेस या फोटो-टाइपसेटिंग ने ले ली। 

कंपोजरों द्वारा संचालित पुराने आयरन मॉन्स्टर्स की खटर-पटर की जगह ग्रीन-स्क्रीन वाले कंप्यूटरों की वातानुकूलित सेटिंग और प्रूफ तैयार करने वाले डॉट मैट्रिक्स प्रिंटरों की हल्की-फुल्की आवाज ने ले ली। इस बदलाव के साथ कुछ नौकरियां भी गयीं क्योंकि जो पेज-सेटर कंप्यूटर टाइपिंग नहीं कर पाए उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया (इसके साथ ही कुछ हद तक औद्योगिक अशांति भी हुई)। लेकिन दैनिक रचना प्रक्रिया की बुनियादी बातें कमोबेश बरकरार रहीं।

रिपोर्टर अपनी कॉपी को रिसाइकल किए हुए अखबारी कागज पर बड़े-बड़े टाइपराइटरों में लगाते थे, जिन्हें चलाने के लिए ताकत लगानी होती थी। फिर इन्हें अंग्रेजी के एच वर्ण की आकृति के डेस्क पर भेजा जाता था, जहां उप-संपादक, वरिष्ठ उप-संपादक और मुख्य उप-संपादक काम करते थे, जो कॉपी का फिर से उन्हीं विशाल टाइपराइटरों पर संपादन या पुनर्लेखन करते थे। संपादित कॉपी फिर कंपोजर के पास जाती और फिर प्रूफ के रूप में प्रूफ रीडर के पास लौटती, जो कभी-कभी अगर रचना की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं होती थी तो दूसरे प्रूफ की मांग करता था।

सही की गई प्रतियों को फिर अंधेरे कमरों में गैली या पुल में बदल दिया जाता था। पेज लेआइट के लिए प्रोसेसिंग उप-संपादकों के अब के समय रहस्यमय प्रतीत होने वाले निदेर्शों पर आधारित होती थी-मसलन एस/सी, 11 ईएमएस या डी/सी 22 ईएमएस, बीएलडी आदि। पेज लेआउट को पुराने समय के रूलर और पेंसिल से आठ-कॉलम ग्राफ पेपर पर तैयार किया जाता था। 

अपेक्षाकृत नया पेशा पेस्ट-अप कार्मिकों का था, जो पेट्रोलियम पदार्थ मिले हुए गोंद के मिश्रण का उपयोग करके अखबार के आकार के कागज पर गैली को काटते और चिपकाते थे, जिसकी सुगंध हल्की नशीली होती थी। इन विशाल पृष्ठों को एक अंधेरे कमरे में भेजा जाता था जहां सफेद कोट पहने कार्मिक उन पर कुछ रसायन लगाते हुए प्रोसेस करते थे। उसके बाद अगले दिन के संस्करण की प्रिटिंग के लिए उन्हें शोर करती मशीनों में भेजा जाता था।

एक दशक से भी कम समय में इस व्यवस्था को उन बदलावों ने खत्म कर दिया जो ज्यादा गहरे और स्थायी थे, लेकिन कम ध्यान आकृष्ट करने वाले थे। पेज-मेकिंग सॉफ्टवेयर ने इस क्षेत्र में प्रवेश किया, जिससे समाचार कॉपी को नेटवर्क वाले कंप्यूटरों पर लिखा और संपादित किया जा सकता था और सीधे ऑनलाइन पेज ग्रिड में एक्सपोर्ट किया जा सकता था, साथ ही ऑनलाइन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके तस्वीरों को भी प्रोसेस किया जा सकता था। 

इस बदलाव ने एक ही झटके में चार तरह की नौकरियां खत्म कर दींकंपोजर, प्रूफ-रीडर, पेस्ट-अप मैन और यहां तक कि डार्क-रूम असिस्टेंट जो पन्नों पर चिपकायी गयी तस्वीरों को प्रोसेस करते थे। दिलचस्प यह है कि समाचार पत्र व्यवसाय में यह बदलाव बिना किसी खास औद्योगिक अशांति के हुआ, और वह भी ऐसे समय में जब भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी संघ कंप्यूटरीकरण की शुरूआत का विरोध कर रहे थे।

धीरे-धीरे, सॉफ्टवेयर डेस्क प्रोड्यूसर के जीवन पर हावी होता जा रहा है। अगर आप एमएस वर्ड इस्तेमाल करते हैं, तो सॉफ्टवेयर वर्तनी की गलतियों और व्याकरण संबंधी अशुद्धियों को भी रेखांकित कर देता है, जिससे आपकी संपादन और प्रूफ-रीडिंग क्षमता में सुधार होता है। ईमेल सेवाओं में परिष्कृत प्रूफिंग और संपादन सुविधाएं अंतर्निहित होती हैं। ऐसे ही एक उदाहरण में एक ने तो रामलिंग राजू नाम की गलत वर्तनी भी सुधार दी। 

अब, एआई कॉपी का संपादन और पुनर्लेखन कर सकता है, हालांकि हमेशा सर्वोत्तम परिणामों के साथ नहीं। उदाहरण के लिए, कुत्तों के आश्रयों के बारे में एक लेख को पाठकों के लिए अधिक अनुकूल बनाने के निर्देश में केवल दो जगह हास्यास्पद बदलाव करने पड़े: डॉग ओनर्स यानी कुत्तों के मालिक पालतू माता-पिता बन गये थे और पेट्स यानी पालतू जानवर हमारे प्यारे दोस्त बन गये।
पत्रकारिता के पेशे पर सबसे ज्यादा असर गूगल और ऑनलाइन मीडिया के उदय का पड़ा है। 

क्लिपिंग लाइब्रेरी, जहां से संपादक अपना शोध करते थे, गायब हो गई। गूगल का सर्च इंजन निस्संदेह सूचना उद्योग के लिए एक वरदान साबित हुआ है। लेकिन इसी सर्च इंजन पर आधारित डिजिटल विज्ञापन बाजार में इस तकनीकी दिग्गज के व्यापक प्रभुत्व ने विज्ञापन को प्रिंट मीडिया और टीवी जैसे पारंपरिक माध्यमों से दूर कर दिया है। ऑनलाइन मीडिया के इस समवर्ती विस्फोट के कारण, जिसमें बहुत कम निवेश की आवश्यकता होती है, हजारों अखबार बंद हो गये हैं। 

अकेले अमेरिका में ही लगभग 3,000 अखबार आईटी के दोहरे हमले के कारण बंद हो गए हैं, और परिणामस्वरूप आधे से ज्यादा पत्रकारों को नौकरी से निकाल दिया गया है। सौभाग्य से, भारत अभी भी इस चलन से अलग है। हमें बताया जा रहा है कि पत्रकारों के लिए अगला खतरा एआई की समाचार रिपोर्ट, संपादन और कॉलम लिखने की क्षमता से आ सकता है। इसका अभी पूरी तरह से परीक्षण होना बाकी है और शुरुआती प्रयोगों में सत्यापित तथ्यों के बजाय ढेर सारी कल्पनाएं सामने आई हैं। 

निकट भविष्य में संपादन और पुनर्लेखन का पेशा, जो कभी अखबारी पत्रकारिता की रीढ़ हुआ करता था, कमजोर पड़ सकता है। लेकिन क्या एआई कभी जमीनी स्तर पर या किसी खबर के लिए सत्ता के गलियारों में इंतजार कर रहे किसी संवाददाता की जगह ले पायेगी? आप सोचेंगे ऐसा नहीं होगा, लेकिन संवेदना के साथ एआई एक नई ताकत के रूप में उभर रही है, ऐसे में अभी कुछ निश्चित नहीं कहा जा सकता है।

Published / 2025-11-26 19:08:47
छोटानागपुर लॉ कॉलेज में मनाया गया संविधान दिवस

टीम एबीएन, रांची। 26 नवंबर संविधान दिवस के शुभ अवसर पर, छोटानागपुर लॉ कॉलेज, रांची (स्वायत्त) में कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ पंकज कुमार चतुर्वेदी ने शिक्षकगणों के साथ मिलकर विद्यार्थियों को भारतीय संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलायी। 

इस क्रम में, उन्होंने उद्देशिका में वर्णित शब्दों सार्वभौम, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणराज्य का अर्थ और महत्त्व भी समझाया, जो भारतीय संविधान के स्वरूप को प्रदर्शित करते हैं। इसके उपरांत, परिसर में स्थापित संविधान सभा की प्रति पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी। 

मौके पर कॉलेज ने संविधान सभा और कॉलेज के प्रति सम्मान स्वरूप रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया। कॉलेज के कर्मचारियों और अनेक विद्यार्थियों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया।

Published / 2025-11-26 19:03:47
जमशेदपुर : सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला ने मनायी प्लेटिनम जुबली

एबीएन न्यूज नेटवर्क, जमशेदपुर। झारखंड के जमशेदपुर में स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनएमएल) ने आज अपने प्लेटिनम जुबिली स्थापना दिवस का उत्सव मनाया। 

वर्ष 1950 में राष्ट्र को समर्पित सीएसआईआर-एनएमएल, परिषद के प्रथम महानिदेशक और दूरदर्शी वैज्ञानिक सर शांति स्वरूप भटनागर द्वारा स्थापित शुरुआती प्रयोगशालाओं में से एक है। मौके पर वर्तमान महानिदेशक और इस पद को संभालने वाली पहली महिला, डॉ एन कलैसेल्वी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं।

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