टीम एबीएन, रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव के बाद विधानसभा का पहला सत्र सोमवार (9 दिसंबर) से शुरू होगा। 4 दिनों तक के इस सत्र की तैयारी पूरी हो चुकी है। विधानसभा के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लगा दी गयी है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों की रविवार को बैठक बुलायी गयी है। झारखंड विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सदन परिसर के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लगा दी गयी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष आज बैठक करेंगे।
सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक 3 बजे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास में बुलाई गई है। भाजपा ने शाम 7 बजे अपने विधायकों की बैठक पार्टी कार्यालय में बुलायी है। दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दल के नेता का चयन अब तक नहीं हो पाया है। ऐसे में नयी विधानसभा का पहला सत्र नेता प्रतिपक्ष के बिना ही होगा, ऐसा लग रहा है।
टीम एबीएन, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं विधायक कल्पना सोरेन से आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचीं पोषण सखी दीदियों ने मुलाकात कर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। विगत कार्यकाल में राज्य सरकार द्वारा पोषण सखी के पुनर्बहाल के निर्णय पर हर्ष जताते हुए मुख्यमंत्री के प्रति पोषण सखी दीदियों ने आभार व्यक्त करते हुए उनका अभिनंदन किया।
मौके पर मुख्यमंत्री सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। मौके पर पोषण सखी दीदियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आपके हक-अधिकार को पूरा करने के लिए प्रयासरत है। आप सभी पोषण सखी दीदियां सरकार की आँख, नाक और कान बनकर साथ दिया है। आने वाला नया वर्ष आपकी जिंदगी में ढेर सारी खुशियां लेकर आए। आपका परिवार सुख-समृद्धि के साथ जीवन व्यतीत करे, यही कामना करता हूं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह सरकार आपकी उम्मीद और आकांक्षाओं की सरकार है। आप सभी का कर्तव्य है कि आप ईमानदारी पूर्वक अपने कार्य को अंजाम देंगे। मैंने पहले भी कई बार कहा है कि हमारी सरकार शहर नहीं बल्कि गांव से चलने वाली सरकार है। हमारी सरकार आने वाली पीढ़ियों का तकदीर एवं तस्वीर कैसे बदल सकें, अधिक से अधिक रोजगार का सृजन कैसे उत्पन्न कर सकें, इसके प्रति संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ रही है।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लोगों ने मंत्री परिषद के साथ बैठक की जिसमें पदाधिकारी गण में मौजूद रहे और हम लोगों ने यह तय किया आने वाले समय में राज्य को एक बेहतर दिशा कैसे दिया जा सके।
श्री सोरेन ने कहा कि इसमें हमारी टीम कुछ 15-16 एजेंडे पर काम करेगी। हम लोग अभी राज्य को दिशा देने के लिए एक रूपरेखा तैयार करेंगे। सभी मंत्री अपने-अपने विभागों का समीक्षा करना प्रारंभ करेंगे।
सिर्फ रांची ही नहीं विभागीय जिला कार्यालय तक समीक्षाएं चलेगी। सभी विभागों का सभी जिला में बैठक होगी। सभी मंत्रीगण समीक्षा करेंगे। क्या दोष क्या सही चल रहा उसकी समीक्षा की जायेगी। सभी विभागों में लोगों के प्रमोशन संबंधित सभी चीजों की समीक्षा की जायेगी और जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जायेगा।
सोरेन ने बताया कि बैठक में हमने निर्देश दिए हैं कि सभी मंत्री अपने विभागों को बिल्कुल दुरुस्त करें। हेड क्वार्टर से लेकर जिला कार्यालय तक प्रखंड कार्यालय तक जहां-जहां जहां जहां लोग हैं सभी योजनाओं का आकलन करें।
उन सभी योजनाओं को राज्य परिपेक्ष में क्या आवश्यकता है, प्रासंगिकता है उन सभी का आकलन होगा और सभी चीजों को ध्यान में रखकर 2 महीने के अंदर सभी जिला कार्यालय तक का भ्रमण हमारे मंत्रीगण करें। कार्यों की समीक्षा करें। आला अधिकारियों के कार्यकुशलता की समीक्षा करें।
कौन किस तरीके से काम कर रहा है, नहीं कर रहा है उन सभी चीजों का समय-समय पर मुझे भी अवगत कराया जाये, ताकि उचित निर्णय लिया जा सके। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर आने वाले समय में रोड मैप बनाने के लिए सभी मंत्रीगण लग जायेंगे, उसके अनुरूप सभी रिपोर्ट को संग्रहण करते हुए सभी विभाग एक नई ऊर्जा के साथ काम करेंगे।
टीम एबीएन, रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज झारखंड मंत्रालय में मंत्री वित्त विभाग राधा कृष्ण किशोर, मंत्री परिवहन विभाग दीपक बिरुवा, मंत्री अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग चमरा लिंडा, मंत्री श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग संजय प्रसाद यादव, मंत्री स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग रामदास सोरेन, मंत्री स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग इरफान अंसारी, मंत्री जल संसाधन विभाग हफीजुल हसन, मंत्री ग्रामीण विकास विभाग दीपिका पांडेय सिंह, मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता विभाग योगेंद्र प्रसाद, मंत्री नगर विकास एवं आवास विभाग सुदिव्य कुमार एवं मंत्री कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग शिल्पी नेहा तिर्की ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री से नवनियुक्त मंत्रीगणों की यह शिष्टाचार भेंट थी।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड विधानसभा का सत्र 9 से 12 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में चार कार्यदिवस होंगे। सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण प्रोटेम स्पीकर प्रो स्टीफन मरांडी के द्वारा दिलाया जायेगा।
इसके बाद दूसरे दिन नये विधानसभाध्यक्ष का निर्वाचन होगा। 11 दिसंबर को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के अभिभाषण से सदन की कार्यवाही शुरू होगी।
इसके बाद हेमंत सरकार विश्वासमत हासिल करेगी। इसी दिन सरकार अपना द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी। अंतिम दिन 12 दिसंबर को पहली पाली में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश होगा और चर्चा होगी।
टीम एबीएन, रांची। ममता सरकार के तुगलकी फरमान के कारण झारखंड में आलू की सप्लाई पर रोक जारी है। ट्रकों को झारखंड की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। वहीं अब यूपी सरकार द्वारा आलू की सप्लाई करने से झारखंड के लोगों को राहत मिली है।
बता दें कि रांची के थोक बाजार में गुरुवार को उत्तर प्रदेश से 30 ट्रक आलू पहुंचे। आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष मदन कुमार का कहना है कि उत्तर प्रदेश से बढ़ी सप्लाई के कारण बाजार में स्थिति सुधर रही है। रांची की थोक मंडी में आलू के दाम 3 रुपए तक कम हुए हैं।
हालांकि, खुदरा बाजार में आलू अभी भी 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। बहरहाल बंगाल से सप्लाई रोके जाने के बाद उत्तर प्रदेश आलू सप्लाई होने से झारखंड को फिलहाल राहत जरूर मिली है। मगर प्रति बोरा 400 रुपए की वृद्धि ने आम लोगों के बजट पर जरूर असर डाला है।
दरअसल, आलू का भंडार बनाए रखने और इसकी कीमत को नियंत्रित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने अंतरराज्यीय आपूर्ति पर कथित रूप से पाबंदी लगा दी है। वहीं, पश्चिम बंगाल पुलिस ने दूसरे राज्यों में आलू के निर्यात पर अंकुश लगाने के लिए सीमावर्ती इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है।
पुलिस जांच के दौरान आलू से लदे सैकड़ों ट्रकों को वापस भेज दिया जा रहा है। इस कदम से व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल पूरे वर्ष झारखंड की आलू की 60 प्रतिशत मांग को पूरा करता है, जबकि शेष मांग उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और स्थानीय उत्पादन से पूरी होती है।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार का नया मंत्रिमंडल आकार ले चुका है। इस मंत्रिमंडल में अनुभव और नवीनता का समावेश दिखा है। 11 मंत्रियों में से पांच सुदिव्य कुमार सोनू, योगेंद्र प्रसाद, शिल्पी नेहा तिर्की, चमरा लिंडा और संजय प्रसाद यादव अपने राजनीतिक करियर में पहली बार मंत्री बने हैं।
कांग्रेस कोटे के मंत्री राधाकृष्ण किशोर (66 वर्ष) उम्र के लिहाज से मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ हैं। विधायी अनुभवों के आधार पर भी वह अन्य सभी मंत्रियों से आगे हैं। किशोर पूर्व में झारखंड की अर्जुन मुंडा सरकार में एक बार मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस के टिकट से वर्ष 1980, 1985 और 1995 में छतरपुर विधानसभा सीट से बिहार विधानसभा के लिए चुने गये थे।
वह झारखंड अलग राज्य बनने के बाद वर्ष 2005 में जदयू के टिकट से चुनाव लड़े और विधायक बने। इसके बाद उन्होंने जदयू छोड़ बीजेपी का दामन थामा और वर्ष 2014 के चुनाव में एक बार फिर जीत दर्ज की। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में किशोर ने आजसू के टिकट पर भाग्य आजमाया, लेकिन चुनाव हार गये। इस बार उन्होंने इसी क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की है।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के कैबिनेट विस्तार में कुल 11 मंत्रियों ने शपथ ली है। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राजभवन में सभी मंत्रियों को शपथ दिलाई है। इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं।
कांग्रेस से विधायक इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की और राधाकृष्ण किशोर हेमंत कैबिनेट में मंत्री बने हैं। जबकि झामुमो से दीपक बिरुआ, हफीजुल हसन, रामदास सोरेन, योगेंद्र प्रसाद, सुदिव्य कुमार सोनू और चमरा लिंडा मंत्री बने हैं।
रामदास सोरेन की बात करें तो उन्हें चंपई सोरेन की जगह पर मंत्री बनाया गया है। वहीं, आरजेडी से संजय प्रसाद यादव ने शपथ ली। जो गोड्डा से तीसरी बार विधायक बने हैं। उन्होंने भाजपा के अमित मंडल को हराया था। संजय प्रसाद को लालू परिवार का करीबी माना जाता है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को एक ही मंत्री पद मिला है। पार्टी ने 6 सीट पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 4 पर उसके उम्मीदवार विजयी हुए। बता दें कि इंडिया गठबंधन के सबसे बड़े घटक झामुमो ने 43 सीट पर चुनाव लड़ा और 34 सीट जीतीं, जो विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा जीती गयी अब तक की सबसे अधिक सीट है।
कांग्रेस को 16, राजद को चार और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) (भाकपा-माले) लिबरेशन को दो सीट मिलीं। भाजपा ने 68 सीट पर चुनाव लड़ा, 21 सीट पर जीत हासिल की और विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने लगातार दूसरी बार झारखंड में सत्ता हासिल की और 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीट हासिल की। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 24 सीट मिली।
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